क्या शुभ मुहूर्त बेमानी है?

भारतीय संस्कृति में सभी कार्य शुभ मुहूर्त में ही करने की परंपरा है। ऐसा कार्य की सफलता के लिए किया जाता है। इसके प्रति लोगों में गहरी आस्था है। विवाह, भवन निर्माण, दुकान के उद्घाटन इत्यादि बड़े कार्यों में तो शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा ही जाता है, कई लोग छोटे-छोटे कार्य भी चोघडिय़ा … Read more

गांधीजी को शराबी साधक पर ऐतराज नहीं था

किसी भी सिक्के के दो पहलु होते हैं। इसी प्रकार हर मसले के दो दृष्टिकोण होते हैं। सकारात्मक व नकारात्मक। यह हम पर निर्भर करता है कि हम किसे चुनते हैं। जितने भी संत हैं, जितने मोटिवेशनल स्पीकर्स हैं, वे जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अर्थात पॉजिटिव एटिट्यूड अपनाने की सलाह देते हैं। इस सिलसिले में … Read more

जब भी थके हुए हों तो करें ये प्रयोग, थकावट छूमंतर हो जाएगी

आमतौर पर जब भी हम काम की अधिकता के कारण थक जाते हैं तो कुछ वक्त आराम करते हैं अथवा सो जाते हैं। सोने से थकावट मिट जाती है। लेकिन अगर हमारे पास आराम करने का वक्त नहीं है और फिर से काम करना है तो बहुत दिक्कत हो जाती है। हम अंडर रेस्ट हो … Read more

भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु का रोचक तथ्य

भगवान श्रीकृष्ण की मौत के बारे में आम मान्यता है कि जब वे एक वृक्ष के नीचे विश्राम कर रहे थे, तब एक बहेलिये के भ्रमवश तीर चलाने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। भ्रम के बारे यह बताया जाता है कि चूंकि श्रीकृष्ण भगवान के अवतार थे, इस कारण उनके पैर के तलुवे … Read more

पत्नी को पति का नाम लेने से क्यों रोका गया?

हम देखते हैं कि आजकल नव दंपत्ति बेहिचक एक-दूसरे को उनके नाम से पुकारते हैं। न तो इसमें उन्हें तनिक शर्म महसूस होती है और न ही ऐसा करने में उनको कुछ आपत्तिजनक लगता है। यहां तक कि अब तो प्यार से रखे गए शॉर्ट नेम का भी उपयोग करने लगे हैं। इसे एक दूसरे … Read more

अपनी गली में कुत्ता भी शेर क्यों होता है?

एक कहावत आपने सुनी होगी- अपनी गली में तो कुत्ता भी शेर होता है। वो इसलिए कि वह खुद को अपनी गली का राजा मानता है। किसी भी अन्य कुत्ते, सूअर, बिल्ली आदि को वह प्रवेश नहीं करने देता। आसन की महत्ता हम इंसान तो जानते ही हैं, एक कुत्ता तक इसका महत्व जानता है। … Read more

कुत्ते के छोटे पिल्ले अच्छे क्यों लगते हैं?

यह अटपटा शीर्षक सिर्फ आपको आकृष्ठ करने के लिए है। शीर्षक यह भी हो सकता था, होना चाहिए था, कि बच्चे अच्छे क्यों लगते हैं, मगर तब कदाचित आप शीर्षक देख कर ही छोड सकते थे। हालांकि यह भी इस आलेख का हिस्सा है, मगर डुबकी कुछ गहरी लगाने की कोशिश गई है। मेरे एक … Read more

दूल्हा तोरण क्यों मारता है?

इन दिनों शादियों का सीजन है। विचार आया कि शादी की विभिन्न परंपराओं में एक प्रमुख रिवाज पर चर्चा की जाए। लगभग सभी को जानकारी होगी कि दूल्हा जब दुल्हन के घर पर बारात लेकर पहुंचता है तो वह द्वार पर टंगे तोरण को अपनी तलवार को छुआ कर उसे मारने की रस्म अदा करता … Read more

आकाशवाणी कहीं आत्मा की आवाज तो नहीं?

हम आकाशवाणी को रेडियो के जरिए सुनी जाने वाली आवाज के रूप में जानते हैं, सुन चुके हैं, लेकिन शास्त्रों-पुराणों में जिस आकाशवाणी का जिक्र आता है, वह हम में से किसी ने नहीं सुनी। न ही हमारी अग्रज पीढ़ी ने। इतिहास में ऐसे अनेक प्रसंग हैं, जिनमें परम सत्ता ने आकाश के जरिए संदेश … Read more

दीपक से दीपक क्यों नहीं जलाना चाहिए, पर रोचक प्रतिक्रिया

दीपक से दीपक क्यों नहीं जलाना चाहिए, इस शीर्षक के ब्लॉग पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. अतुल दुबे ने बहुत ही रोचक जानकारी भेजी है। वह हूबहू इस प्रकार है:- आदरणीय गिरधर भैया नमस्ते चीड़ की लकड़ी में अमोनियम फास्फेट का लेप लगा कर दियासलाई बनती है, जिसका आविष्कार लगभग 1830 में हुआ था, जब … Read more

दीपक से दीपक क्यों नहीं जलाना चाहिए?

हमारे यहां दीप से दीप जले की बड़ी महिमा है। ज्ञान के प्रसार के लिए इस उक्ति का प्रयोग किया जाता है। व्यवहार में यह बिलकुल ठीक भी है। एक व्यक्ति से ही दूसरे में ज्ञान का प्रकाश जाता है और उससे आगे वह अन्य में। इस प्रकार यह सिलसिला चलता रहता है। मगर धर्म … Read more

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