भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु का रोचक तथ्य

भगवान श्रीकृष्ण की मौत के बारे में आम मान्यता है कि जब वे एक वृक्ष के नीचे विश्राम कर रहे थे, तब एक बहेलिये के भ्रमवश तीर चलाने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। भ्रम के बारे यह बताया जाता है कि चूंकि श्रीकृष्ण भगवान के अवतार थे, इस कारण उनके पैर के तलुवे … Read more

पत्नी को पति का नाम लेने से क्यों रोका गया?

हम देखते हैं कि आजकल नव दंपत्ति बेहिचक एक-दूसरे को उनके नाम से पुकारते हैं। न तो इसमें उन्हें तनिक शर्म महसूस होती है और न ही ऐसा करने में उनको कुछ आपत्तिजनक लगता है। यहां तक कि अब तो प्यार से रखे गए शॉर्ट नेम का भी उपयोग करने लगे हैं। इसे एक दूसरे … Read more

अपनी गली में कुत्ता भी शेर क्यों होता है?

एक कहावत आपने सुनी होगी- अपनी गली में तो कुत्ता भी शेर होता है। वो इसलिए कि वह खुद को अपनी गली का राजा मानता है। किसी भी अन्य कुत्ते, सूअर, बिल्ली आदि को वह प्रवेश नहीं करने देता। आसन की महत्ता हम इंसान तो जानते ही हैं, एक कुत्ता तक इसका महत्व जानता है। … Read more

कुत्ते के छोटे पिल्ले अच्छे क्यों लगते हैं?

यह अटपटा शीर्षक सिर्फ आपको आकृष्ठ करने के लिए है। शीर्षक यह भी हो सकता था, होना चाहिए था, कि बच्चे अच्छे क्यों लगते हैं, मगर तब कदाचित आप शीर्षक देख कर ही छोड सकते थे। हालांकि यह भी इस आलेख का हिस्सा है, मगर डुबकी कुछ गहरी लगाने की कोशिश गई है। मेरे एक … Read more

दूल्हा तोरण क्यों मारता है?

इन दिनों शादियों का सीजन है। विचार आया कि शादी की विभिन्न परंपराओं में एक प्रमुख रिवाज पर चर्चा की जाए। लगभग सभी को जानकारी होगी कि दूल्हा जब दुल्हन के घर पर बारात लेकर पहुंचता है तो वह द्वार पर टंगे तोरण को अपनी तलवार को छुआ कर उसे मारने की रस्म अदा करता … Read more

आकाशवाणी कहीं आत्मा की आवाज तो नहीं?

हम आकाशवाणी को रेडियो के जरिए सुनी जाने वाली आवाज के रूप में जानते हैं, सुन चुके हैं, लेकिन शास्त्रों-पुराणों में जिस आकाशवाणी का जिक्र आता है, वह हम में से किसी ने नहीं सुनी। न ही हमारी अग्रज पीढ़ी ने। इतिहास में ऐसे अनेक प्रसंग हैं, जिनमें परम सत्ता ने आकाश के जरिए संदेश … Read more

दीपक से दीपक क्यों नहीं जलाना चाहिए, पर रोचक प्रतिक्रिया

दीपक से दीपक क्यों नहीं जलाना चाहिए, इस शीर्षक के ब्लॉग पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. अतुल दुबे ने बहुत ही रोचक जानकारी भेजी है। वह हूबहू इस प्रकार है:- आदरणीय गिरधर भैया नमस्ते चीड़ की लकड़ी में अमोनियम फास्फेट का लेप लगा कर दियासलाई बनती है, जिसका आविष्कार लगभग 1830 में हुआ था, जब … Read more

दीपक से दीपक क्यों नहीं जलाना चाहिए?

हमारे यहां दीप से दीप जले की बड़ी महिमा है। ज्ञान के प्रसार के लिए इस उक्ति का प्रयोग किया जाता है। व्यवहार में यह बिलकुल ठीक भी है। एक व्यक्ति से ही दूसरे में ज्ञान का प्रकाश जाता है और उससे आगे वह अन्य में। इस प्रकार यह सिलसिला चलता रहता है। मगर धर्म … Read more

क्या भगवान प्रसाद ग्रहण करते हैं?

स्थूल व तार्किक बुद्धि का एक सवाल है कि हम भगवान की मूर्ति के आगे जो प्रसाद चढ़ाते हैं, क्या वह उसे ग्रहण करती है? अगर ग्रहण करती है तो वह कम क्यों नहीं होता? अगर मूर्ति प्रसाद का अंश मात्र भी ग्रहण नहीं करती तो फिर प्रसाद चढ़ाने का प्रयोजन क्या है? सवाल वाजिब … Read more

मूर्ति के दर्शन के वक्त आंखें बंद न किया कीजिए

आंख एक खिड़की है, अच्छी व उपयोग चीजें ही अंदर आने दें आंख हमारे शरीर की एक खिड़की है, जिसके माध्यम से हम बाह्य जगत से जुड़ते हैं। यूं ध्वनि व स्पर्श के जरिए भी हम ब्रह्मांड से संपर्क में हैं, लेकिन दृश्यमान जगत से संबंध का माध्यम तो नेत्र ही हैं। उसी के जरिए … Read more

भगवान शिव की परिक्रमा आधी क्यों की जाती है?

धर्मस्थलों में गर्भग्रह में स्थापित मूर्ति और मजारों की परिक्रमा करने की परंपरा है। यह भी सर्वविदित तथ्य है कि परिक्रमा की दिशा घड़ी की सुई की तरह दक्षिणावृत होती है। लेकिन यह बेहद रोचक तथ्य है कि अकेले भगवान शिव अथवा शिव लिंग ही ऐसे हैं, जिनकी परिक्रमा पूरी नहीं की जाती। परिक्रमा जहां … Read more

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