संत रविदासजी की शिक्षाएं आज भी रोशनी देती हैं

संत रैदास जी नाम से विख्यात संत श्री रविदास जी का मध्ययुगीन संतों में महत्वपूर्ण स्थान है। संत रैदास जी कबीर के समसामयिक कहे जाते हैं। अत: इनका समय सन् 1398 से 1518 ई. (1445 से 1575 ई.) के आसपास का रहा होगा। मान्यता है कि उनका जन्म जन्म सन् 1388 (इनका जन्म कुछ विद्वान … Read more

सत्य नारायण व्रत कथा

सत्यनारायण भगवान की कथा लोक में प्रचलित है। कुछ लोग मनौती पूरी होने पर, कुछ अन्य नियमित रूप से इस कथा का आयोजन करते हैं। सत्यनारायण व्रतकथाके दो भाग हैं, व्रत-पूजा एवं कथा। सत्यनारायण व्रतकथास्कंदपुराणके रेवाखंडसे संकलित की गई है। विधि सत्यनारायण व्रतकथापुस्तिका के प्रथम अध्याय में यह बताया गया है कि सत्यनारायण भगवान की … Read more

गांधीजी को जब मिली बोस से शिकस्त

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानायक मोहनदास करम चंद्र गांधी उर्फ महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर हत्या कर दी गई। नाथूराम गोडसे ने उस समय गोली मारकर गांधी की हत्या कर दी जब वे नई दिल्ली के बिड़ला भवन में टहल रहे थे। महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस के बीच के … Read more

सकारात्मक राजनीति के कीर्ति स्तम्भ : स्व. मिर्धा

मौजूदा दौर में जबकि राजनीति भ्रष्टाचार, स्वार्थपरता व पदलोलुपता के कारण बदनाम हो चली है, ऐसे में सहसा पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय श्री रामनिवास मिर्धा का नाम जेहन उभर आता है, जिनका पूरा जीवन सिद्धांतवादी, ईमानदारी और सकारात्मक राजनीति की पाठशाला सा रहा है, जो कि आज भी नई पीढ़ी को राजनीति के जरिए जनसेवा … Read more

भाजपा के सिरमौर अटल बिहारी वाजपेयी

पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज जन्मदिन है। इस मौके पर पेश है उनकी अब तक की जीवनी का विस्तृत विवरण। श्री अटल बिहारी वाजपेयी 16 से 31 मई, 1996 और दूसरी बार 19 मार्च, 1998 से 13 मई, 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के साथ … Read more

क्रिसमस में कैंडिल का भी है महत्व

वाराणसी। क्रिसमस के मौके पर क्रिसमस ट्री, क्रिसमस कार्ड, क्रिसमस स्टार, क्रिसमस फादर आदि की शुरुआत कैसे हुई। लोगों में इसकी जिज्ञासा है। क्रिसमस में कैंडिल का भी काफी महत्व है। महमूरगंज स्थित बेतेल फुल गॉस्पल चर्च के अरविंद थॉमस ने रविवार को क्रिसमस कैंडल के विषय में बताया कि एक हजार वर्ष पहले ऑस्ट्रेलिया … Read more

ईसाइयों और पश्चिम तक सीमित नहीं रहा क्रिसमस

-शुभा दुबे- क्रिसमस वैसे तो ईसाई धर्म के अनुयायियों का सबसे बड़ा त्योहार है लेकिन धीरे धीरे अब अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी इसे धूमधाम से मनाया जाता है। हंसी−खुशी के इस पर्व पर बाजारों में दिवाली जैसी रौनक नजर आती है तो स्कूल, कालेजों में भी इस पर्व पर विभिन्न तरह के सांस्कृतिक … Read more

हुसैन दीन भी हैं दीन की पनाह भी हैं

-तनवीर जाफ़री- इस्लाम धर्म के आखिरी पैगंबर हज़रत मोहम्मद के नवासे तथा हज़रत अली के पुत्र इमाम हुसैन व उनके 72 परिजनों व साथियों की शहादत की याद दिलाने वाला मोहर्रम प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी पूरी दुनिया में सभी धर्मों व समुदायों के लोगों द्वारा मनाया जा रहा है। हालांकि करबला की … Read more

पौराणिक व ऐतिहासिक तीर्थराज पुष्कर

अजमेर से मात्र 11 किलोमीटर दूर तीर्थराज पुष्कर विश्वविख्यात है और पुराणों में वर्णित तीर्थों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। अनेक पौराणिक कथाएं इसका प्रमाण हैं।यहां से प्रागैतिहासिककालीन पाषाण निर्मित अस्त्र-शस्त्र मिले हैं, जो उस युग में यहां पर मानव के क्रिया-कलापों की ओर संकेत करते हैं। पौराणिक दृष्टि से पुष्कर के निर्माण की गाथाएं रहस्य … Read more

अद्भुत है हजरत ख्वाजा साहब की जीवन झांकी

हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का दुनिया के अध्यात्मिक सिंह पुरुषों में बहुत ऊंचा स्थान है। खासतौर पर सूफी सिलसिले में तो सर्वाधिक ऊंचाई पर हैं। उनके प्रति हर मजहब व जाति के लोगों में कितनी श्रद्धा है, इसका अंदाजा यहां हर साल जुटने वाले उर्स मेले से लगाया जा सकता है। यूं इस मुकद्दस … Read more

शहंशाहों के शहंशाह ख्वाजा गरीब नवाज

दुनिया में कितने ही राजा, महाराजा, बादशाहों के दरबार लगे और उजड़ गए, मगर ख्वाजा साहब का दरबार आज भी शान-ओ-शोकत के साथ जगमगा रहा है। उनकी दरगाह में मत्था टेकने वालों की तादात दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। गरीब नवाज के दर पर न कोई अमीर है न गरीब। न यहां जात-पात है, … Read more

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