ब्राजिल के विश्व प्रसिद्ध कार्निवाल सी डीडवाना की होली

नागौर जिले के डीडवाना कस्बे की अनूठी होली आगामी 27 मार्च को दोपहर बारह बजे से शाम साढे छह बजे तक मनाई जाएगी। आइये जाने यहां होली कैसे मनाई जाती है:- यू तो भारत भर में होली का त्योंहार अलग अलग तरह से मनाया जाता है जिसमें बरसाना व बृज की होली पूरे भारत में … Read more

शिव-पार्वती का सम्मिलित रूप हैं अर्धनारीश्वर

पुरातन काल में तत्ववेत्ताओं ने शिव और पार्वती के एक सम्मिलित रूप की कल्पना की, जिसमें आधा शिव और आधा पार्वती, दोनों भाग मिलकर एक पूर्ण व्यक्ति बनता है, जिसे अर्धनारीश्वर कहा गया। स्त्री-पुरुष का भेद समझने के लिए अर्धनारीश्वर रूपी भगवान शिव की महिमा को समझना होगा। स्त्री पुरुष की पूरक है और पुरुष … Read more

भगवान शिव ने ज्ञान दिया था मनु पुत्र नभग को

मनु के सबसे छोटे पुत्र का नाम नभग था। भगवान शिव ने उन्हें ज्ञान प्रदान किया था। मनु पुत्र नभग बड़े ही बुद्धिमान थे। जिस समय नभग गुरुकुल में निवास कर रहे थे, उसी बीच उनके इक्ष्वाकु आदि भाइयों ने नभग के लिए कोई भाग न देकर पिता की सारी सम्पत्ति आपस में बांट ली … Read more

परवेज से पहले भी दरगाह में हाजिर हुई हैं कई हस्तियां

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने शनिवार, 9 मार्च, 2013 को अजमेर में दरगाह जियारत की। इस मौके पर प्रसतुत जानकारी प्रासंगिक रहेगी कि दरगाह शरीफ में अब तक कितनी बड़ी शख्सियतों ने हाजिरी दी है। दुनिया में कितने ही राजा, महाराजा, बादशाहों के दरबार लगे और उजड़ गए, मगर ख्वाजा साहब का दरबार … Read more

सबकी झोली भरती है ख्वाजा के दर पर

यूं तो दर पे ख्वाजा के सबकी झोली भरती है, पर यह खबर नहीं होती कि कौन देने वाला है। ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती गरीब नवाज के रहमों करम से अजमेर को दुनिया में अजमेर शरीफ के नाम से जाना जाता है, और दुनिया का कोई भी मुल्क हो, वहां का वाशिंदा इस सूफी संत … Read more

हिम्मत के परचम फहराती है नारी

आज हम फिर उसी मोड़ पर खड़े है. साल मे सिर्फ एक बार महिला दिवस, उसी चोखट पर जहा नारी को किसी भाषा या रूप मे सम्बोधित किया जाता है. नारी जिसे युगों युगों से सिर्फ उसे उसके देह से पहचाना जाता है, सदियों से उसकी प्रखरता, सुघड़ता, कुशलता से परे रखते हुए. नारी आज … Read more

महिला सशक्तिकरण की चुनौतियाँ

महिलाओं के साथ सदियों से भेदभाव बरता गया. पुरुष प्रधान समाज ने प्रत्येक क्षेत्र में औरत को एक वस्तु केरूप में उपयोग किया, महिलाओं की भेदभाव की सिथिति लगभग पूरी दुनियां में रही, इस दिशा में सकारात्मकप्रयास भी किये गए, 8 मार्च 1975 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. भारत में २००१ को महिला सशक्तिकरण वर्ष … Read more

संत रविदासजी की शिक्षाएं आज भी रोशनी देती हैं

संत रैदास जी नाम से विख्यात संत श्री रविदास जी का मध्ययुगीन संतों में महत्वपूर्ण स्थान है। संत रैदास जी कबीर के समसामयिक कहे जाते हैं। अत: इनका समय सन् 1398 से 1518 ई. (1445 से 1575 ई.) के आसपास का रहा होगा। मान्यता है कि उनका जन्म जन्म सन् 1388 (इनका जन्म कुछ विद्वान … Read more

सत्य नारायण व्रत कथा

सत्यनारायण भगवान की कथा लोक में प्रचलित है। कुछ लोग मनौती पूरी होने पर, कुछ अन्य नियमित रूप से इस कथा का आयोजन करते हैं। सत्यनारायण व्रतकथाके दो भाग हैं, व्रत-पूजा एवं कथा। सत्यनारायण व्रतकथास्कंदपुराणके रेवाखंडसे संकलित की गई है। विधि सत्यनारायण व्रतकथापुस्तिका के प्रथम अध्याय में यह बताया गया है कि सत्यनारायण भगवान की … Read more

गांधीजी को जब मिली बोस से शिकस्त

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानायक मोहनदास करम चंद्र गांधी उर्फ महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर हत्या कर दी गई। नाथूराम गोडसे ने उस समय गोली मारकर गांधी की हत्या कर दी जब वे नई दिल्ली के बिड़ला भवन में टहल रहे थे। महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस के बीच के … Read more

सकारात्मक राजनीति के कीर्ति स्तम्भ : स्व. मिर्धा

मौजूदा दौर में जबकि राजनीति भ्रष्टाचार, स्वार्थपरता व पदलोलुपता के कारण बदनाम हो चली है, ऐसे में सहसा पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय श्री रामनिवास मिर्धा का नाम जेहन उभर आता है, जिनका पूरा जीवन सिद्धांतवादी, ईमानदारी और सकारात्मक राजनीति की पाठशाला सा रहा है, जो कि आज भी नई पीढ़ी को राजनीति के जरिए जनसेवा … Read more

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