राजनेता और अफसरों ने भी माल मारा है चीफ कमिश्नर पवन शर्मा का

pavan sharmaएक कहावत है, ‘माले मुफ्त, दिले बेरहमÓ यानि जब मुफ्त का माल मिलता है तो दिल बेरहम हो जाता है। यही कहावत जोधपुर के चीफ इनकम टैक्स कमिश्नर पवन शर्मा पर लागू हुई है। 15 लाख रुपए की रिश्वतखोरी के आरोप में शर्मा इन दिनों सीबीआई के पास रिमांड पर है। सीबीआई ने अब तक शर्मा की सम्पत्ति का आंकलन 400 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का किया है। पवन शर्मा अजमेर के रामनगर क्षेत्र के रहने वाले हैं और उन्होंने अजमेर सहित जयपुर, जोधपुर, बैंगलूरु आदि बड़े शहरों में सम्पत्तियां खरीदी हैं। चीफ इनकम टैक्स कमिश्नर के पद पर रहते हुए शर्मा ने जो रिश्वतखोरी की उसी का फायदा राजनेताओं और अफसरों ने भी जमकर उठाया है। शर्मा को एक लाख रुपए की जमीन को 10 लाख रुपए में ऐसे नेताओं और अफसरों ने बेचा। रिमांड के दौरान पवन शर्मा ने सीबीआई के अधिकारियों को बताया कि जो सम्पत्तियां खरीदी गई हंै, उन्हें बेचने वालों में राजनेता और अधिकारी भी शामिल हैं। पवन शर्मा ने जो नाम बताए हैं वे सीबीआई के लिए बेहद ही चौंकाने वाले हैं, क्योंकि ऐसे राजनेता और अधिकारी वर्तमान में बहुत ही ऊंचे पदों पर बैठे हैं। हालांकि अभी सीबीआई ने ऐसे नेताओं और अधिकारियों से पूछताछ करने का मन नहीं बनाया है, लेकिन सीबीआई के उच्चाधिकारियों की माने तो पवन शर्मा ने जो जानकारी दी है, उसे राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को दी जाएगी। सीबीआई पवन शर्मा की रिश्वतखोरी के मामले में तो जांच कर रही है, साथ ही आय से अधिक सम्पत्ति एकत्रित करने के मामले में भी जांच हो रही है। सीबीआई का मानना है कि राजस्थान के जो राजनेता और अधिकारी शामिल हैं, उनकी जांच एसीबी ही करेगी। सीबीआई अपने जांच के दायरे में उन नेताओं और अफसरों को शामिल नहीं करना चाहती है, जिन्होंने एक लाख रुपए का माल पवन शर्मा को 10 लाख रुपए में बेचा था। यदि सीबीआई पूरी ईमानदारी के साथ जानकारियां प्रदेश के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को दे दी तो ऐसे राजनेता और अफसर भी चपेटे में आ जाएंगे, जिन्होंने पवन शर्मा का रिश्वतखोरी का माल मारा है। इसमें कोई दोराय नहीं कि रिमांड के दौरान पवन शर्मा ने सीबीआई को उन सब व्यक्तियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है जो पिछले कई सालों से उनके सम्पर्क में थे। यही वजह है कि पवन शर्मा के गिरफ्त में आने के बाद कारोबारियों, राजनेताओं, अधिकारियों और प्रभावशाली व्यक्तियों में खलबली मची हुई है। यदि यह मामला सीबीआई से निकलकर एसीबी के पास आता है तो संबंधित अधिकारियों की आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में जांच होगी। जिन राजनेताओं और अधिकारियों ने अपनी सम्पत्तियों को पवन शर्मा को बेचा है वे अपने-अपने प्रभाव से यह पता लगाने में लगे हुए हैं कि रिमांड के दौरान पवन शर्मा क्या-क्या जानकारी सीबीआई को दे रहे हैं। हालांकि ऐसी जांच पड़ताल का अनुभव पवन शर्मा को खूब है, क्योंकि आयकर विभाग में रहते हुए जब व्यापारियों पर छापेमारे गए, तब ऐसे ही हथकंडे अपनाए जाते थे। सीबीआई पवन शर्मा और इनकम टैक्स ऑफिसर शैलेन्द्र भंडारी को 10 अप्रैल को अदालत में एक बार फिर प्रस्तुत करेगी। इस बार सीबीआई इन दोनों अधिकारियों का रिमांड मांगने के पक्ष में नहीं बताई जा रही है। गिरफ्तारी के बाद पिछले 10 दिनों में दो बार रिमांड पर लिया जा चुका है। माना जा रहा है कि 10 अप्रैल को पवन शर्मा और शैलेन्द्र भंडारी को जेल भेज दिया जाएगा।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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