कभी कभी जो दिखाई देता है शायद वह सच नही होता

13627052_1056430007726129_2324884381526191966_nप्रिय अजमेर वासियों ,
मेने आज पढ़ा क़ि महाराणा प्रताप जी की जिस मूर्ति का अनावरण आगामी 15 अगस्त को होने जा रहा है,उसका 1 पैर खंडित आया है।मैं यधपि कोई सरकारी अधिकारी नही हूँ परन्तु अपने अजमेर शहर की 1 जिम्मेदार नागरिक होने के नाते ये कहना चाहती हूँ की कभी 2 जो दिखाई देता है शायद वह सच नही होता है ।शायद कोई टिप्पणी करने से पहले हमे कुछ तथ्यों को भी परख लेना चाहिए।केवल राजनीतिगत द्वेषता के चलते कोई बात कहना शायद उचित नही है।15 फ़ीट ऊँची मूर्ति को इतनी दूर से मंगवाना वो भी बिना हिस्सों में ,अत्यंत मुश्किल है।मूर्ति ट्रक में आड़ी ही आ पाई क्युकी खड़ी करके लाना मुश्किल था ।मूर्तिकार ने यह भी कहा था की इसका पैर अटक रहा है ,अजमेर जाके ही वेल्डिंग होगा।दूसरी बात यह भी है की उसका भाला भी 3 हिस्सों में आया।मूर्ति जब बनती हे तो भी हिस्सों में ही बनती है।और अगर इन सब बातों को छोड भी दिया जाये और 1 ज़िम्मेदार शहरी होने की दृष्टि से सोचा जाये तो कोई कमी हो भी गई तो परिवार की भांति उसे ढकना चाहिए या सरे आम उसे उजागर करना चाहिए।यदि इस सरकार के शासनकाल में शहर में कुछ अच्छा हो रहा है तो हमे उसकी प्रशंसा करनी चाहिए ,अपना समर्थन देना चाहिए न की कमियों को इंगित कर के ज़िम्मेदार अधिकारीयों ,नागरिकों व् देश सेवको की कमियां निकाल के निंदा करनी चाहिए।
मेरी इस पोस्ट का उद्देश्य यह की मीडिया को मोहरा न बनाया जाए क्युकी हम जनता को जो दिखाएंगे,वो वैसा ही देखेगी।
मेरा शहर सुंदर हो ,स्वच्छ हो और वास्तव में 1 हेरिटेज सिटी हो इस अभिलाषा के साथ –
नीता टंडन

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