आखिर कौन है जिम्मेदार

*तिलक माथुर*
*केकड़ी*(अजमेर)आमजन को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की नैतिक व प्राथमिक जिम्मेदारी होती है लेकिन यहां पिछले चार सालों से ऐसा देखने को नही मिल रहा। पेयजल,बिजली,सड़क,चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी ग्रामीण तरस रहे है। लोगो को राहत दिलाने की जिम्मेदारी जिन जनप्रतिनिधियों की है उनपर नोकरशाही हावी है।जबकि ये सरकारी कारिंदे उनकी ही पसन्द से यहां तैनात हैं।
केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों दर्जनों गांवों में पेयजल आपूर्ति नहीं होने के कारण पेयजल संकट बना हुआ है। पेयजल संकट की वजह से ग्रामीण परेशान हैं। गांवो में अधिकांश हेण्डपम्प खराब पड़े हैं कुओं का जलस्तर काफी गिर गया है इसके अलावा गांवो में पानी के और कोई स्त्रोत भी नही हैं।
कुछ हेण्डपम्प ठीक है लेकिन उनका पानी इतना खारा और फ्लोराइड युक्त है जिसे पीना मुमकिन नहीं। गांव की महिलाओं व बच्चों को इस भीषण गर्मी में पानी की जुगाड़ में इधर उधर भटकना पड़ रहा है। वहीं गांवो के नाडी, तालाब या अन्य जल स्त्रोतों में भी पानी नहीं होने के कारण मवेशियों के लिए भी पानी का संकट बना हुआ है। गांवो में पानी की भीषण समस्या के बावजूद सरकार व प्रशासन ने पीने के पानी की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही की है। चारों ओर पीने के पानी को लेकर त्राहि त्राहि मची है। आखिर पीने के पानी की व्यवस्था करना किसकी जिम्मेदारी है। गर्मी आते ही विशेषकर गांवो में पानी की समस्या खड़ी हो जाती है। पिछले 4 सालों से हम देख रहे है कि सरकार ने गांवो में पीने के पानी की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही की जिसकी वजह से हर बार गर्मी के दिनों में ग्रामीण पीने के पानी के लिए परेशान होते देखे गये। जबकि पिछली सरकार में ऐसा नहीं था। हर बार गांवो में पीने के पानी के व्यापक प्रबन्ध किये जाते थे। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी ग्रामीणों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए ततपर दिखाई देते थे। क्षेत्र में पानी की विकट समस्या को देखते हुवे हमारे सांसद डॉ रघु शर्मा ने गत दिनों जिला कलक्टर से मुखातिब होते हुए गांवो में पीने के पानी की समस्या से अवगत कराया व टैंकरों द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था करने की पुरज़ोर मांग की तथा चेतावनी दी कि 7 दिन में प्रशासन ने गांवो में पीने के पानी की व्यवस्था नही की तो जनता के साथ मिलकर कांग्रेस उग्र आंदोलन करेगी। अब देखना ये है कि सांसद की चेतावनी का प्रशासन पर कितना असर होता है, वह गांवो में पानी के हालात ठीक करता है या फिर वही अड़ियल रवैया अपनाते हुवे आंदोलन का इंतज़ार करता है।
*इन गांवो में है पानी की समस्या-*
क्षेत्र के मंडा, तस्वारिया, सलारी,बोगला,ऊंदरी,धुंधरी,बाजटा,घटियाली,
सावर,टाकावास,नापखेड़ा, मेहरुकला, पिपलाज, कादेड़ा,अलाम्बू,भीमडावास,खवास,जूनिया, बिलावटिया खेड़ा, पिपरौली, जाल का खेड़ा, कचोलिया,कुम्हारिया,हरपुरा, कसाना,हिंगोनिया,सापनदा, शम्भूनगर,दयालपुरा,देवगांव,रूपनिवास, एकलसिंघा, लसाड़िया, मेवदा व सरवाड़ क्षेत्र के दर्जनों गांव है जहां पानी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं।
*9251022331*

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