देर से ही सही, प्रशासन को अक्ल तो आई

अपने तम्बू व सामान समेटते जायरीन

लापरवाही की वजह से पुष्कर रोड विश्राम स्थली की खाली जगह और पूरे पुष्कर रोड पर जमा जायरीन के वाहनों से उत्पन्न हुई अव्यवस्था जब विकराल होने लगी, तब जा कर प्रशासन को अक्ल आई। अब उसने न केवल वहां से बसों को हटवा दिया है, अपितु यह भी तय कर दिया गया है कि कोई भी बस यहां नहीं ठहरेगी और सभी को कायड़ विश्राम स्थली पर ही ठहरना होगा। साथ ही अन्य किसी विश्राम स्थली पर ठहरने वाले जायरीन को प्रशासन की ओर से कोई भी सुविधा नहीं दी जायेगी। इसे कहते हैं, देर आयद दुरुस्त आयद।
ज्ञातव्य है कि प्रशासन की लापरवाही की वजह से ही पुष्कर रोड पर जायरीन की बसों का जमावड़ा लग गया था। प्रशासन ने वहां जायरीन के लिए कोई व्यवस्था नहीं की थी, इसके बावजूद वहां पर आ रही बसों को रुकने से मना नहीं किया गया। नतीजतन इस रोड का हाल बेहाल हो गया। बताया जा रहा है कि इस प्रशासनिक लापरवाही पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता ने सुध ली और इस बारे में प्रशासन से बात की। इस पर वह चेता और वहां ठहरे जायरीन को कायड़ विश्राम स्थली जाने के निर्देश दिये गये। ट्रेफिक डिप्टी जयसिंह राठौड़ के नेतृत्व में सारी बसों को कायड़ रवाना किया गया। अब हालत कुछ सामान्य हुए हैं। हालांकि अब भी कई बसें प्राइवेट बस स्टैंड के पास जमा हैं, जहां जायरीन के लिए कोई सुविधा नहीं है। यही वजह है कि जायरीन नहाने व पीने के पानी के लिए पास की कॉलोनी हरिभाऊ उपाध्याय नगर विस्तार में हैंडपंपों पर जमे हुए हैं।
खैर, चाहे रलावता के दखल से या स्वयं के विवेक से, प्रशासन ने हालत बेकाबू होने से पहले ही उस पर नियंत्रण कर लिया है, मगर अफसोस होता है उन अफसरों की बुद्धि पर, जिनकी लापरवाही या अविवेकपूर्ण निर्णय की वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई थी।

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