शर्मनाक कहानी अजमेर के मुद्दों पर प्रतिक्रियाओं की

त्रिवेन्द्र पाठक
नमस्कार मित्रों,
कहानी आज की,
शर्मनाक कहानी अजमेर के मुद्दों पर प्रतिक्रियाओं की,
आज जीन्यूज़ द्वारा आयोजित नयी चौपाटी रीजनल कॉलेज के सामने एक कार्यक्रम में पंहुचा और देखा अजमेर के हालातों को तो बड़ा दुःख हुआ, जाते ही सबसे पहला दुःख का कारण कार्यक्रम संचालक का कथन भाजपा वाले एक तरफ बैठिये और कांग्रेस वाले दूसरी ओर, मैं और मेरे कुछ साथी सामने की तरह दीवार पर बैठे बिना कोई प्रतिक्रिया दिए हुए… फिर शुरू हुआ दौर बातचीत का… या कहे आरोप प्रत्यारोप का, या फिर सही शब्दों में कहें तो आपसी छींटाकशी का… कांग्रेस और भाजपा के नेता बस एक दूसरे पर इल्जाम लगाते नज़र आये… क्षेत्र के विशेष मुद्दे जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, प्रशासनिक कमियां, बजरी की काले बाजारी, स्मार्ट सिटी परियोजना में हो रहे धीमे गति के कार्य, पेयजल समाधान की बात करने जैसे मुद्दे चर्चा से दूर रहे, लेकिन बीसलपुर पर कुछ लोग बोले, भाजपा सरकार को घेरा, जिस पर भाजपाई कांग्रेस सरकार पर ही आरोप लगाते दिखाई दिए… भाजपा की पैरवी के लिए सिर्फ एक मात्र मेयर साहब ही मोर्चा संभल रहे थे जबकी कांग्रेस की तरफ से टिकट की दौड़ में लगे लगभग सभी नेता मौजूद रहे…
इन हालातों में अब जनता को स्वयं विचार करना होगा की क्या ये राजनेता इस शहर के लिए कुछ कर सकते हैं जो एक TV के कार्यक्रम में भी शहर की मूल समस्याओं के बारे में चर्चा नहीं कर सकते, जो यहाँ के हॉस्पिटल की समस्याओं पर भी नहीं बोल सकते, जो आम जनजीवन को प्रभावित कर रही समस्याओं के जवाब नहीं दे सकते, सोचना आपको है, और फिर लड़ना है, मैंने पहले भी कहा है लोकतंत्र में जनता का हथियार चुनाव ही है, यदि आप चाहते हो की बदलाव हो तो पहले अपनी सोच बदलिए राजनितिक दल सिर्फ सत्ता चाहते है राजनीती को आज व्यापार बना कर रख दिया है, आप इसे लोकतंत्र के रूप में पुनर्स्थापित कर सकते हैं, अब राजनितिक दलों का मोह त्याग कर अपने शहर के बारे में विचार करें और सही निर्णय लेकर सही व्यक्ति को शासन तक पहुंचाएं….
इन्कलाब जिन्दाबाद
त्रिवेन्द्र कुमार पाठक
प्रदेश अध्यक्ष
अखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद्
राजस्थान (युवा प्रकोष्ठ)

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