ब्यावर के गौरव है वास्तुशास्त्री कुमावत

भवन,गाँव,बांध,इंडस्ट्रीज,माइनिंग आदि-आदि विभिन्न निर्माणों की शुरुआत में ही आदिकाल से “वास्तु” का काफी महत्व रहा है। जिस गाँव का वास्तु बिगड़ा, वो पिछड़ता चला गया। ठीक यही हालात सभी निर्माण कार्यो में भी आंके जा सकते है। *वास्तुशास्त्रियों के मुताबिक ऐसा भी नही है कि वास्तु ही मानव के लिए रामबाण सिद्ध होता है। उसके जीवन मे उसका प्रबल भाग्य भी बलसाली होता है। वास्तु के साथ भाग्य भी चलता है। वही व्यक्ति का पुरुषार्थ भी अहम है।* इस भौतिकवादि काल में वास्तु का प्रचलन भी जबरदस्त बढ़ा है। देश-विदेशों में वास्तु की ही कार्यशालाओं का दौर भी बढ़ रहा है। ऐसी ही एक कार्यशाला इन दिनों प्रिरमिडो के देश मिश्र में सम्पन्न हुई। राजस्थान से एक मात्र वास्तुमर्मज्ञ *ब्यावर निवासी पुष्पेन्द्र कुमावत* को इसमें न्योते जाने का सौभाग्य हासिल हुआ।

सिद्धार्थ जैन
विश्व के सात अजूबों में से एक पिरामिडों वाले देश मिश्र के गीजा में विगत दिनों आठ दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें देश से सत्तर वास्तुशास्त्रियों को न्योता गया। *अहमदाबाद के महर्षि वेदव्यास के सह संयोजन में विश्व भर के वास्तुमर्मज्ञ सम्मिलित हुए। इसमें स्थान विशेष की भूमि पर ग्रह-नक्षत्रों के प्रभाव की महत्ता पर विभिन्न सत्र में मंथन हुआ। वही मिश्र में बने विश्व के विशाल अजूबो पर भी इन विशेषज्ञों ने रिसर्च की।* पिरामिडों के वास्तु,बनावट व भव्यता से हर कोई हैरान था। कुमावत ने भी वास्तु के मुताबिक उनका आकलन किया। उन्होंने पाया कि हरेक पिरामिड वास्तु नियमों के दायरे से ‘फिट’ है। यही नही सेकड़ो वर्षो पूर्व इनके निर्माण में भी नगर की दिशाओं का पूरा ध्यान रखा गया।

वास्तुकला के पारखी पुष्पेन्द्र कुमावत इसे अपना विशुद्ध प्रोफेशन मानते है। इसे ही इन्होंने अपने जीवन मे अपना लिया। *वास्तु के मताबिक ‘अपने’ निर्देशित निर्माणों पर कुमावत पूरी निगरानी रखते है। इनके दखल के बाद सम्बद्ध व्यक्ति के व्यवसाय-जीवन के बदलावों की बारीकियों को आत्मसात करते है। उसी रिजल्ट के अनुसार अपने पेशे को धार देते है।* अपने प्रोफेशन के प्रति निष्ठा,लगन व समर्पण का ही परिणाम है कि ये विश्व के अनेक देशों में वास्तु से सम्बद्ध विभिन्न कार्यशालाओं में सम्मिलित होते रहे है। मिश्र की इस कार्यशाला में *”कैप्टन ऑफ पिरामिड वास्तु”* उपाधि से नवाजा गया। कुमावत अपनी सक्रियता के बलबूते ही विश्व स्तर पर *”यूनिक वर्ल्ड रिकार्ड”* में अपना नाम दर्ज कराने का गौरव हासिल कर चुके है।

*सिद्धार्थ जैन पत्रकार,ब्यावर (राज.)*
*094139 48333*

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