वाह,केजरीवालजी क्या टीम है !

ओम माथुर
ओम माथुर
वाह केजरीवालजी। क्या मँत्री बनाए थे। जिस-जिस को जो विभाग सौंपे ,उनके कार्य मे वे इस कदर खरे उतरे कि पहले इसकी कोई मिसाल नहीं मिलती और शायद भविष्य मे भी ना मिले।
जितेन्द्र तोमर को कानून मँत्री बनाया गया था।यानि जिस पर कानून कायदे बनाने की जिम्मेदारी थी,वो खुद फर्जी डिग्री लेकर वकील बनकर पहले ही कानून की धज्जियां उडा चुके थे। पकड़े गए, जेल गए और फिर मँत्री पद से हटाना पडा। दूसरे नगीने थे असीम अहमद खान। खाद्य एवं आपूर्ति मँत्री बनाया गया। जनता के खानेपीने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी थी। लेकिन खुद के खाने की चिंता ज्यादा थी और वो भी पैसा। एक बिल्डर से दस लाख की रिश्वत का खाना माँगते सि्ँटग आपरेशन मे फँसे और पद से हटाना पडा। अब महानता दिखाई सँदीप कुमार ने। कल तक महिला और बच्चों के कल्याण के लिए बने विभाग के मँत्री थे। अश्लील सीडी सामने आई तो देश को पता चला कि सँदीप कैसे महिलाओं का कल्याण कर रहे थे। लेकिन बेशर्मी देखिए, कह रहे हैं, सीडी मे वो नहीं हैं। उन्हें तो इसलिए फँसाया जा रहा है क्योंकि दलित है। ऐसा कौनसा दलित समाज होगा जो अपने नेता को ऐसे नँगा देख खुद भी शर्मसार नहीं होगा। पर आजकल देश मे फैशन हो गया है कि गलत करते पकडे जाओ,तो अपने साथ समाज की साख भी दाव पर लगा दो। और केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का बडप्पन भी तो देखिए। ऐसे भ्रष्ट, चरित्रहीन और धोखेबाजोँ को पकडे जाने पर हटाने के बाद भी ये कह रहे हैं कि आम आदमी पार्टी ऐसे नेताओं को बरदाश्त नहीं करती, इसलिए तुरंत मँत्री पद से हटा दिया। लेकिन ये सभी अभी आप मे बने हैं, केजरीवाल ने इन्हें पार्टी से नहीं निकाला हैं। दोनों ये भी कहते हैं कि हम तो तुरंत कार्रवाई करते है, लेकिन भाजपा और काँग्रेस अपने ऐसे नेताओं को बचा रही हैं। तो,केजरीवाल जी और सिसोदिया जी,ये दोनों पार्टियां आप जैसी साफ-सुथरी होने का दावा भी तो कभी नहीं करती। आप लोग ही रोज राजनीति मे खुद की खूबियों का चूरण बाँटते फिरते हो। लेकिन अपने नेताओं को ही इसकी खुराक देना शायद भूल गए। फिर काँग्रेस सवा सौ साल और भाजपा मे करीब चार दशक बाद ऐसे कीटाणु लगे हैं, आप तो दो-सवा दो साल मे ही महामारी का शिकार हो गए हैं।

ओम माथुर,अजमेर। 9351415379

error: Content is protected !!