राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड,अजमेर ने इस वर्ष से मेरिट जारी नही करने का निर्णय लिया जिसके पीछे मुख्य वजह यह बताई कि विद्यार्थियों में निराशा का भाव नही आए।मेरी समझ से बाहर है कि विगत लगभग 50 सालो से जब मेरिट जारी करते थे तब क्या उनमे आशा का भाव उपजता था?
मेरिट नही जारी करने के पीछे जो मुख्य वजह मुझे नजर आती है वो यह है कि *मेरिट में अमूमन सरकारी स्कूल के बच्चे नही आते,ऐसे में शिक्षा मंत्री को शर्मिंदा होना पड़ता है*।दूसरी वजह 2 वर्ष पूर्व गंगापुर की एक ही स्कूल के 15 विद्यार्थियों का मेरिट में आना भी रहा।हालांकि बोर्ड ने इस मामले की जांच करवाई थी लेकिन फिर मामले को क्लीन चिट मिल गई।अब सवाल यह उठता है कि जिस स्कूल के 15 बच्चे एक साल मेरिट में आते है उससे पहले और बाद में उस स्कूल का नाम कभी मेरिट में मेरी जानकारी के अनुसार नजर नही आया इसका सीधा सा मतलब यह है कि उस वर्ष बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी लेकिन सबूत नही मिलने से कोई कार्यवाही नही हुई।
ऐसे में यदि भविष्य में इस तरह की कोई धांधली होगी तो पकड़ में ही नही आएगी क्योंकि मेरिट तो बनेगी ही नही।
शायद बोर्ड अपनी नाकामी को छुपाने के लिए मेरिट जारी करने के निर्णय से पीछे हटा है
संतोष कुमार सोनी