-अमलेन्दु उपाध्याय-
क्या अरविन्द केजरीवाल की नयी नवेली सियासी पार्टी आम आदमी पार्टी (आप), समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को देश का प्रधानमन्त्री बनाने के लिये काम करेगी। अगर आप की हालिया गठित राष्ट्रीय कार्यकारिणी पर नज़र दौड़ाई जाये तब तो यह तय है कि “आप” मुलायम सिंह यादव को प्रधानमन्त्री बनाने के लिये जी जान से काम करेगी। ऐसा कहना बेबुनियाद नहीं है और न कोई गप्प या अटकलबाजी है बल्कि पिछले एक माह के घटनाक्रम पर नज़र दौड़ायें तो यह बात साफ हो जायेगी।
जब 26/11 को अरविन्द केजरीवाल अपने नव प्रसूता दल “आम आदमी पार्टी ” की घोषणा कर रहे थे ठीक उसके एक माह पहले उनकी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य प्रो. आनन्द कुमार दिल्ली के काँस्टीट्यूशन क्लब में समाजवादी चिन्तक मस्तराम कपूर की पुस्तक संसद में लोहिया के विमोचन के अवसर पर न सिर्फ मुलायम सिंह यादव की शान में कसीदे काढ़ रहे थे बल्कि प्रमाणपत्र जारी कर रहे थे कि संघर्षों के चलते ही मुलायम सिंह यादव प्रधानमन्त्री बनने के लिये तीसरे मोर्चे की तरफ से सबसे बड़े दावेदार हैं।
अपने क्रान्तिकारी भाषण में बार-बार प्रो. आनन्द कुमार ने मुलायम सिंह यादव से तीसरे मोर्चे की कमान सँभालने का अनुरोध किया। अब यह बात दीगर है कि मुलायम सिंह राजनीति के मँझे हुये खिलाड़ी हैं और बखूबी जानते हैं कि देश की राजनीति जेएनयू छात्र संघ का चुनाव नहीं है (अगर ऐसा ही होता तो देश में कब का कम्युनिस्ट पार्टियों का राज आ गया होता।) सो वे प्रो. साहब को सुनते तो रहे।
अब ये तो अपने अरविन्द भाई ही जानें कि वो कि इतनी मेहनत इतने खुलासे खुद प्रधानमंत्री बनने के लिये कर रहे हैं या मुलायम सिंह को प्रधानमंत्री बनाने के लिये ?
अमलेन्दु उपाध्याय: लेखक राजनीतिक समीक्षक हैं। http://hastakshep.com के संपादक हैं. संपर्क[email protected]
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