जीवन बीमा परिवार से, जुदाई ! अब सेवा निवृत्ति की बेला आई ।
*अपना अब घर परिवार* हमारा सुखी संसार *मेरी हमसफ़र* *(मेरे सपनों की शहजादी)* मैं तब भी झुक कर के बाँध- दिया करूँगा , तुम्हारे पैरों में पायल.. हाँ उस उम्र में भी , जब मेरे घुटनों मे दर्द होता होगा। मैं तब भी सँवार दिया करूँगा, करीने से तुम्हारे , अधपके बालों को..! हाँ उस … Read more