कूछ खास नही मिला गावो को

vijay kumar parasharप्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज प्रदेश का वर्ष 2016-2017 का बजट पेश किया बजट मे ग्रामीणों को आशा थी की सरकार घमाकेदार घोषणा करेगी तो पंचायतराज जनप्रतिनिधियों को अपेक्षा थी की कम से कम उन के लिए तो बजट खास होगा परन्तु ऐसा कुछ नही हूआ न संरपच वाड पचो के मानदेय बढे ओर न ही जिला प्रमुख व प्रधानो के पंचायत राज के अधिकारो मे भी बढोतरी नही की गई बजट मे पंचायतराज को खासी अपेक्षा थी लेकिन निराशा भरा रहा राजे का यह बजट मुख्यमंत्री ने गावो के लिए जो घोषणा की उन मे 2 हजार गावो मे खेल मैदान विकसित जब विधालयो मे कमरो तक का अभाव है तो खेल मैदान कब बनेगे सोचिए पंचायत राज को 15 हजार 378 करोड का प्रावधान रखा गया है प्रदेश मे दस हजार के करिब ग्राम पंचायते है तीन सौ के करीब पंचायत समितियां 33 जिला परिषदे है ऐसे मे यह राशि भी ऊंट के मुह मे जीरे के समान है पंचायते अभी तो शौचालय निर्माण के ही करोडो रूपये मागती है गावो मे रोजगार हेतु विशेष सभाऔ के आयोजन की घोषणा की गई सरकार ने पीछले साल भी ऐसी सभाऔ का आयोजन करवाया था जो फलोफ शो साबित हूई रोजगार तो दूर आवेदक का खर्च भी नही निकला सीएम ने घोषणा की 40 गावो की सहभागिता से मिनी बैक काम करेगे अभी सहकारी बैको की हालत खराब है आज ही बैक के व्यवस्थापको ने अपनी मागो को लेकर हडताल करी है सरकार ने कहा की पंचायतो के कामो हेतु पारदर्शिता अपनाई जाऐगी अर्थात सीएम ने दो वर्ष पर जो खूले मंच से घोषणा की कि अब पंचायतो मे टेन्डर नही होगे वह गलत थी अब टेन्डर होगे सीएम पहले सही थी की अब कैसे पारदर्शिता अपनाई जाऐगी टेन्डर कर के या नही कर के स्थति अस्पष्ट लगी अर्थात कुल मिला कर जो सपने सजाए गये वह टूट गये पंचायत राज को अधिकारो की आवश्यकता थी बजट की आवश्यकता थी कर्मचारियों की आवश्यकता थी जनप्रतिनिधियों को मानदेय बढोतरी की आवश्यकता थी पर कूछ न हो सका आशा है जल्द ही कूछ अच्छी घोषणा हो
विजय पाराशर

error: Content is protected !!