महानायक

रास बिहारी गौड़
रास बिहारी गौड़
आप महानायक हैं
हवाओं से बात करते हुए
घोड़े की पीढ़ पर
चाबुक के निशान
आपकी रफ़्तार बता रहे हैं

आपने सपनों का इंद्र धनुष
हमारी आँखों में उढ़ेल दिया है
एक गहरी नींद के साथ

आप रोज एक नया सच गढ़ते हैं
बीते कल को झुठलाने के लिए

आपके मुकुट में
वे सारे आभूषण जड़े हैं
जिन्हें देखकर हम अपनी भूख भूल जाते हैं

आपके चेहरे पर
विजयी भाव, रहस्यमयी मुस्कान
और
भीतर से झांकता एक दूसरा चेहरा लगा है
जो अक्सर दर्पण को धोका देने के काम आता है

इतिहास के पन्नों से
मनचाहे चित्र चुराकर
आपने अपनी दीवार पर चस्पा कर लिए हैं
जिनके पीछे छुप गई हैं भूगोल की दरारें

आप दुनियां की बड़ी ताकत हैं
आपके आयुद्य भंडार में
पृथ्वी को अनेकानेक बार नष्ट करने की क्षमता है

लेकिन फिर भी आप डरते हैं
उन बेनाम कलमों से
जो तोप के सामने फूल लेकर खड़ी हो जाती हैं
और मिट्टी पर अपना नाम लिख जाती हैं

रास बिहारी गौड़

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