कालादेह में देश का पहला लोक जनसुनवाई सहायता केंद्र

लखन सालवी

राजसमन्द जिले की भीम व अजमेर जिले की ब्यावर तहसील ऐतिहासिक पृष्ठभूमि तैयार करती है। कर्नल टॅाड ने भी इस इलाके में रहकर इतिहास रचा। वहीं सूचना का अधिकार अधिनियम कानून की मांग को लेकर पहली बार आन्दोलन ब्यावर से आरम्भ किया गया तथा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी कानून की मांग व न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाने की मांग भी इस क्षेत्र से उठी थी। लोक सुनवाई का अधिकार अधिनियम 2012 में हाल ही में लागू हुआ है। अभी इस कानून की जानकारियां आमजन तक नहीं पहुंची है। दूसरी तरफ राजसमन्द के जिला कलक्टर यशवन्त बी प्रीतम ने भीम तहसील की कालादेह ग्राम पंचायत में लोक सुनवाई सहायता केन्द्र स्थापित करवा कर इतिहास की पुस्तक में एक और ऐतिहासिक पन्ना जुड़वा दिया है।
12 जनवरी को कालादेह ग्राम पंचायत में ‘‘प्रशासन गांवों के संग अभियान-2013’’ के तहत शिविर का आयोजन किया गया। यूं तो इस अभियान के तहत राजस्थान भर की तमाम ग्राम पंचायतों में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। कालादेह ग्राम पंचायत में भी पूर्व में कई शिविर आयोजित हो चुके है लेकिन 21 जनवरी को आयोजित शिविर ग्राम पंचायत के लोगों के लिए सौगात लेकर आया। शिविर को शुरू करने से पूर्व ग्राम पंचायत कार्यालय में जनता की शिकायतों को सुनने के लिए लोक सुनवाई सहायता केंद्र का शुभारम्भ किया गया। ग्रामीणों ने अपनी शिकयतों को दर्ज करवाकर रसीद प्राप्त की। ग्राम पंचायत में सहायता केंद्र की स्थापना के साथ ही राजसमन्द जिले के इतिहास में एक और उपलब्धि जुड़ गई है।
जिला कलक्टर डॅा. यशवन्त बी प्रीतम ने बताया कि ग्राम पंचायत में लोक सुनवाई सहायता केंद्र पर एकल खिड़की की व्यवस्था की गई है और एक कर्मचारी नियुक्त किया गया है। ग्राम पंचायत क्षेत्र का कोई भी नागरिक अपनी शिकायत यहां दर्ज करवाकर उसकी प्राप्ति रसीद यहां से प्राप्त कर सकेगा। शिकायत के बाद 7 दिवस में उस शिकायत पर कार्यवाही की जाएगी। अगर कार्यवाही नहीं जाती है शिकायतकर्ता उपखण्ड अधिकारी एवं जिला कलक्टर से अपील कर सकेगा।
यह देश का पहला केंद्र है जहां लोक सुनवाई अधिकार अधिनियम 2013 की पूर्ण पालना सुनिश्चित की गई है। जिला कलक्टर ने शिविर में आए ग्रामीणों से कहा कि वे अपनी शिकायतें लोक सुनवाई सहायता केंद्र पर करे और उसकी रसीद अवश्य ले। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि शिकायत की रसीद नहीं लेने पर शिकायत पत्र खो जाता है लेकिन रसीद लेने पर आपका शिकायती पत्र खोयेगा नहीं। उन्होंने कहा कि शिकायतों की सुनवाई प्रत्येक शुक्रवार को उपखण्ड अधिकारी द्वारा की जाएगी। साथ ही कहा कि शिकायतों का निस्तारण त्वरित किया जाएगा लेकिन कुछ शिकायतें नियत समय में ही निस्तारित हो पाएगी।
शिविर में संयुक्त राष्ट्र संघ की हेड लिस ग्रेण्ड भी उपस्थित रही। वहीं जिले तथा तहसील स्तर के कई प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अरूणा रॅाय व मजदूर किसान शक्ति संगठन के निखिल डे, शंकर सिंह, भंवर मेघवंशी, नारायण सिंह, लाल सिंह सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस शिविर में भाग लिया।
यहां दीवारें हिसाब-किताब बताती है !
विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत खर्च हो रहे पैसों का हिसाब-किताब खाता बहियों में देखने की जरूरत नही है। कालादेह ग्राम पंचायत क्षेत्र में बने सरकारी भवनों आदि की दीवारें ग्राम पंचायत क्षेत्र में हुए खर्च का हिसाब-किताब बताती है।
आंगनबाड़ी कंेद्र में कितने बच्चे पढ़ते है ? उनका कितना वजन है ? कितने कुपोषित है ? तथा ग्राम पंचायत के कितने मजदूरों ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी स्कीम के तहत कितने दिन काम किया व उनको कितनी राशि का भुगतान किया ? इन सब सवालों के जवाब भी यहां की दीवारें देती है।
यहां लोग काफी खुश है। शिविर में आए लोगों ने बताया कि हमारे यहां पाई-पाई (पैसे-पैसे) का हिसाब दीवारों पर लिखा है, पेंशन का हिसाब भी दिवारों पर लिखा है। महिलाओं ने बताया कि दीवारों में हिसाब दो-चार दिन पहले से ही लिखा जाने लगा है लेकिन ऐसा आगे भी लिखा जाता रहा तो यह हमारे लिए काफी महत्त्वपूर्ण होगा। मजदूर किसान शक्ति संगठन के लाल सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत के विकास के लिए सरकार से आने वाले पैसे का हिसाब इस प्रकार दीवारों पर लिख देने से पारदर्शिता स्थापित होती है और किसी प्रकार की गड़बड़ी होने की दशा में उस गड़बड़ी का पकड़ा जाना आसान है।
ग्राम पंचायत क्षेत्र में राशन वितरण में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं पाई गई। जिस पर मजदूर किसान शक्ति संगठन के लोगों ने राशन वितरणकर्ता के कार्यों की सराहना की। जिला कलक्टर प्रीतम ने भी राशन वितरणकर्ता को धन्यवाद ज्ञापित किया।
‘‘हम यहां शिविर के आयोजन के दो दिन पूर्व ही आ गए थे। हमने सरकारी योजनाओं का पैसा आम जन पहुंच रहा है या नहीं इसकी पूरी जानकारी ली। यहां एपीएल, बीपीएल को दिए जाने वाले राशन की सूचनाएं भी दीवारों पर लिखी हुई है। हमने दीवारों पर लिखी सूचनाओं के आधार पर घर-घर जाकर लाभार्थियों से इसकी जानकारी ली, दीवारों पर लिखी सूचनाएं सही पाई गई। मैंनें ऐसा पहली बार देखा कि राशन वितरण में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई।’’ –शंकर सिंह, कार्यकर्ता-मजदूर किसान शक्ति संगठन

कुंआ है, मोटर है, टंकी है फिर भी पानी की सप्लाई नहीं
शिविर के दौरान लगभग 2 घंटे तक सुनवाई का कार्यक्रम रखा गया। ग्रामीणों ने जिला कलक्टर को बताया कि ग्राम पंचायत क्षेत्र के मजरे आमनेर, बंगला का बाड़िया व भैरू खेड़ा के निवासियों को पेयजल की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि जनता जल योजना के तहत टंकी बनाई गई, पानी की मोटर लगाई गई लेकिन बिजली की व्यवस्था नहीं है एवं घटिया पाइप लाइन डालने से पाइप लाइन टूट गई, ऐसे में मोटर व पानी की टंकी का उपयोग नहीं हो पा रहा है। वहीं ग्राम पंचायत के सरपंच ने बताया कि इन मजरों में कमेटियां बनाकर बिजली कनेक्शन करवाए जाने है लेकिन ग्रामीणों में जागरूकता की कमी के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। जिला कलक्टर ने टीएसपी प्लान के तहत पाइप लाइन की स्वीकृति कराने व पेयजलापूर्ति करने के लिए कर्मचारी की नियुक्त करवाने का आश्वासन दिया।

महानरेगा मजदूरों को मिलेगा काम का पूरा भुगतान
सुनवाई के दौरान महानरेगा के मजदूरों से देरी से भुगतान का मुद्दा उठाया। महिला मजदूरों ने कहा कि उन्हें काम का पूरा पैसा नहीं मिल रहा है तथा काम का भुगतान समय पर नहीं हो रहा है। जिला कलक्टर ने जिला परिषद के सीईओ को निर्देश दिए कि वो मजदूरों का भुगतान समय पर करवाएं तथा काम करने वालों मजदूरों का गु्रप अलग से बनाने की व्यवस्था सुनिश्चित करवावें ताकि काम करने वाले मजदूरों को किए गए काम का पूरा भुगतान मिल सके।
जिला कलक्टर ने सीईओ को निर्देश दिए कि देरी से भुगतान होने की दशा में मजदूरों को ब्याज सहित भुगतान किया जाए तथा ब्याज की राशि देरी से भुगतान के दोषी कर्मचारी की तन्ख्वाह में से काटी जाए।

डाकिया पेंशन की राशि पहुंचाने के बदले लेता है पैसा
सुनवाई के दौरान पेंशन प्राप्त करने वाली विधवा, वृद्धा व विकलांग महिलाओं ने जिला कलक्टर से कहा कि डाकिया (पोस्टमैन) हमें पेंशन राशि हमारें घरों पर आकर दे जाता है लेकिन बदले में कभी 20, कभी 50 तो कभी 100 रुपए लेता है। पूछने पर कहता है कि गाड़ी में पेट्रोल डलवाना पड़ता है, जिसकी एवज में वो यह लेता है।
जिला कलक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए पेंशन की राशि का भुगतान पोस्ट ऑफिस की बजाए ग्राम सेवा सहकारी समिति या मिनी बैंक में करवाने की बात कही। लेकिन ग्रामीणों ने मांग की कि पेंशन राशि ग्राम सेवा सहकारी समिति के माध्यम से ही दी जाए। जिला कलक्टर ने कोषाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि वो उचित माध्यम से पूरी पेंशन दिलवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

पूरे विश्व में पहुंचाऊंगी यह बात-लिस
संयुक्त राष्ट्र संघ की मुख्य कार्यकारी अधिकारी लिस ग्रेण्ड ने शिविर में सुनवाई को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस शिविर में असाधारण देखने को मिला, ऐसा कहीं नहीं देखा कि प्रशासन खुद चलकर जनता की सुनवाई करने के लिए जनता के पास आ रहा है। अब जनता को आगे आना चाहिए और प्रशासन से अपने अधिकारों की मांग करनी चाहिए। प्रशासन जनता के पास आए और जनता प्रशासन से अपना अधिकार मांगे, अगर ऐसी प्रक्रिया लागू हो जाए तो भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं बचेगी।
लिस ग्रेण्ड ने राजसमन्द जिला कलक्टर डॅा. यशवंत बी प्रीतम की कार्यप्रणाली को देखते हुए उन्हें देश का सर्वश्रेष्ठ कलक्टर बताया। लिस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ का 194 देशों में कार्य चलता है। कालादेह में आज मैंनंे अद्भूत कार्यप्रणाली देखी है। मैं इस कार्यप्रणाली को सभी देशों तक पहुंचाऊंगी।
(लेखक खबरकोश डॉट कॉम के कार्यकारी सम्पादक है।) 

1 thought on “कालादेह में देश का पहला लोक जनसुनवाई सहायता केंद्र”

Comments are closed.

error: Content is protected !!