अमेरिका के लिए भारत-चीन दोनों जरूरी: हिलेरी

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि अमेरिका को भारत और चीन जैसी उभरती शक्तियों के साथ अपने संबंधों का सफलतापूर्वक निर्वहन करने की जरूरत है। साथ ही कहा कि ओबामा प्रशासन द्वारा एशिया में सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक रूप से अमेरिका को मजबूत करने का अर्थ चीन को रोकना नहीं है। उन्होंने यह बात फॉरेन पॉलिसी पत्रिका समूह द्वारा गुरुवार को आयोजित ‘ट्रांसफॉरमेशनल ट्रेंडस 2013’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कही।

विदेश नीति के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वैश्विक शक्ति के रूप में चीन का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस तरह नई आर्थिक चुनौतियों, पड़ोसी देशों के साथ अपने मतभेदों और अपने राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था में व्याप्त तनाव से निपटता है। बीजिंग एशिया प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की उपस्थिति को लेकर अपनी चिंता जाहिर करता रहा है। हिलेरी ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी की मजबूत स्थिति से चीन को कोई खतरा नहीं है।

विदेश मंत्री ने कहा कि आर्थिक कारणों के ही अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बदलाव आ रहा है। भारत और ब्राजील देशों का प्रभाव सैन्य ताकत के बजाए आर्थिक तरक्की के कारण बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को अलग-अलग क्षेत्रों की शक्तियों जैसे ब्राजील-मेक्सिको, भारत- इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की के साथ संबंधों का विकास करना होगा क्योंकि इन देशों का अपने क्षेत्र और वैश्विक स्तर पर प्रभाव बढ़ रहा है।

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