अब नवाज शरीफ हुए बेपर्दा

ऑपरेशन कारगिल की सच्चाई उजागर करने वाले अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल शाहिद अजीज ने अब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बेपर्दा कर दिया है। पाकिस्तानी सेना में चीफ ऑफ जनरल स्टाफ रहे अजीज के अनुसार कारगिल को लेकर शरीफ भी दूध के धुले नहीं हैं। 1999 के अभियान के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन के जिम्मेदार शीर्ष सैन्य अफसरों से एक बार पूछा था, ‘आप हमें कश्मीर कब दे रहे हो?’ अवकाश प्राप्त सैन्य अधिकारी का कहना है कि कारगिल दुस्साहस को अंजाम देने के लिए पूर्व तानाशाह जनरल मुशर्रफ समेत चार शीर्ष सैन्य अफसर ही जिम्मेदार थे। पूरे घटनाक्रम से नवाज शरीफ पूरी तरह से वाकिफ थे। जबकि नवाज शरीफ हमेशा से कहते आए हैं कि कारगिल को लेकर उन्हें अंधेरे में रखा गया।

ऑपरेशन कारगिल पर मुशर्रफ और सेना की भूमिका का हाल ही में पर्दाफाश करने वाले ले. जनरल अजीज ने ‘डॉन’ समाचार पत्र से बातचीत में ये बातें कही। उनका कहना था कि केवल चार लोगों को छोड़ कर उक्त असफल अभियान के बारे में पूरी पाकिस्तानी सेना अंधेरे में थी। 1999 में जब ऑपरेशन शुरू हुआ तो इसकी जानकारी केवल मुशर्रफ, तत्कालीन चीफ ऑफ जनरल स्टाफ ले. जनरल मुहम्मद अजीज, उत्तरी क्षेत्र फोर्स कमांड प्रमुख ले. जनरल जावेद हसन और 10वीं कोर के कमांडर ले. जनरल महमूद अहमद को ही थी। सैन्य अभियान के महानिदेशक ले. जनरल तौकीर जिया को भी इसकी भनक ऑपरेशन शुरू होने के बाद ही लगी। जबकि तत्कालीन आइएसआइ प्रमुख जियाउद्दीन बट काफी समय तक अंधेरे में रहे।

भारत को मूर्ख बनाने में कोई कोरकसर न छोड़ी

ऑपरेशन कारगिल के समय ले. जनरल अजीज पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की एनालिसिस विंग के प्रमुख थे। उन्होंने अखबार को बताया कि कारगिल और द्रास की चोटियों पर कब्जा करने को लेकर भारत को मूर्ख बनाने के लिए मुशर्रफ की चौकड़ी ने कोई कोरकसर नहीं छोड़ी थी।

आतंकी कार्रवाई दिखाने को पश्तो में भेजा संदेश

इसे अफगानिस्तान के आतंकवादियों की कार्रवाई दिखाने के लिए सेना की ओर से पश्तो में वायरलेस संदेश भेजे जाते थे। ताकि भारतीय सेना इसे आतंकवादियों की कारगुजारी ही समझे। ऐसे ही कुछ संदेशों को पकड़ने के बाद ले. जनरल अजीज ने आइएसआइ प्रमुख बट से पूछा कि कारगिल में क्या हो रहा है। तब खुफिया एजेंसी प्रमुख ने बताया कि सेना ने कारगिल में कुछ क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है। इस ऑपरेशन में उत्तरी क्षेत्र फोर्स कमांड के जवान शामिल हैं।

सियाचिन पर कब्जा करना था मकसद

बाद में ले. जनरल अजीज को ब्रीफिंग के लिए सेना मुख्यालय बुलाया गया। जहां सैन्य अभियान के प्रमुख तौकीर जिया ने बताया कि नार्दन लाइट इंफेंट्री और उत्तरी कमांड के जवानों ने द्रास और कारगिल सेक्टर पर कब्जा कर लिया है। ताकि सप्लाई लाइन काट कर सियाचिन पर कब्जा कर लिया जाए। बकौल ले. जनरल अजीज इस असफल अभियान में कितने पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, इसका अब तक पता नहीं चल सका है।

उन्होंने बताया कि 2004 में जब वह चीफ ऑफ जनरल स्टाफ बने तो उन्होंने कारगिल की असफलता पर अध्ययन शुरू कराया। लेकिन मुशर्रफ की नाराजगी के बाद इस अध्ययन को बंद करना पड़ा।

error: Content is protected !!