कानाफूसी है कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस विचारधारा से जुडे कुछ सिंधी नेताओं पर भाजपा की नजर है। सुविज्ञ सूत्रों के अनुसार उनसे संकर्प भी साधा गया है। हालांकि इस पर सहसा यकीन नहीं हो रहा। बताया जा रहा है कि उन्हें समझाने की कोषिष की जा रही है कि कांग्रेस ने लगातार चार बार अजमेर उत्तर से किसी सिंधी को टिकट नहीं दिया है, ऐसे में कांग्रेस में उनका कोई भविश्य नहीं है। कांग्रेस सरकार ने राजस्थान सिंधी अकादमी का गठन तब जा कर किया, जब चंद दिन ही बाकी थे। कांग्रेस अब उन्हें कुछ देने की स्थिति में भी नहीं है। हद से हद संगठन में जगह दे सकती है, जिसका कोई खास महत्व नहीं है। दूसरी ओर राज्य में भाजपा की सरकार है, उचित अवसर पर उनको कोई इनाम देने की पूरी गुंजाइष है। हालांकि भाजपा मानसिकता के सिंधी वोट बैंक पर कांग्रेसी नेताओं का कोई खास असर नहीं है, मगर यदि वे भाजपा में जाते हैं तो इससे माहौल तो बनेगा ही।