प्रधान मंत्री के नोट बंदी ऐलान के बाद बिका प्रदेश में एक कुण्टल सोना

खरीददारी पर भारत सरकार की नजर,शिकंजा कसने तैयारी
डा.एल.एन.वैष्णव
भोपाल/भारत के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कालेधन कुबेरों पर शिकंजा कसने के उद्ेश्य से उठाये गये कदम में हजार,पांच सौ के नोटों को कानूनन अमान्य करने की घोषणा करते ही अनैतिक कार्यों से धन कमाने वालों में मचे हडकंप में जमकर सोने की खरीददारी की गयी। सूत्रों की माने तो 08 नबम्बर की रात्रि के बाद मात्र चार दिवस में एक कुण्टल से अधिक के सोने की खरीददारी की गयी है। बतलाया जाता है कि प्रदेश की राजधानी भोपाल में अकेले 25 किलोग्राम सोने क्रय विक्रय हुआ। जानकारों की माने तो इनका मूल्य लगभग तेतीस करोड से अधिक बतलाया जाता है। वहीं भारत सरकार ने सोने के क्रय विक्रय को लेकर जांच प्रारंभ करते हुये शिकंजा कसना प्रारंभ कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार डायरेक्टर जनरल सेंट्रल एक्साइज इंटेलीजेंस (डीजीसीआई) ने राज्य के स्वर्ण विक्रेता संस्थानों को नोटिस जारी कर दिया है। जिनकी संख्या चार दर्जन के करीब बतलायी जाती है।

डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव
डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव
विदित हो कि भारत के प्रधान मंत्री नरेन्द मोदी द्वारा गत 08 नबम्बर को रात्रि 08 बजे राष्ट्र को संबोधित करते हुये वर्तमान में चलने वाले हजार,पांच सौ के नोटो को कानूनन अमान्य होने की घोषणा कर दी थी। रात्रि 12 बजे से लागू होने वाले आदेश के मात्र कुछ ही घंटो में अचानक सोने की बिक्री में ईजाफा होना और देर रात्रि तक सराफा बाजार का खुला रहना चर्चाओं में रहा था। सूत्र तो यहां तक बतलाते हैं कि प्रदेश के अनेक जिलों में प्रति दस ग्राम के तय मूल्य से दो गुने दाम पर भी सोने का क्रय विक्रय किया गया। सूत्रों की माने तो डीजीसीआई द्वारा संबधित स्वर्ण विक्रेता संस्थानों को नोट बंदी के एक दिवस पूर्व से अर्थात् 07 नवंबर से लेकर 10 नवंबर 2016 के मध्य हुये कारोबार यानि क्रय विक्रय का ब्योरा मांगा है। सूत्र बतलाते हैं कि भारत सरकार के लगातार कसते शिकंजे से काले धन कुबेरों में जमकर हडकंप मचा हुआ है। वहीं जनमानस में प्रसन्नता की लहर देखी जा रही है जो भारत सरकार के निर्णय के साथ खडी देखी जा रही है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण हाल ही में सर्वे के परिणाम प्रत्यक्ष उदाहरण के रूप में देखे जा सकते है।

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