नितिन गडकरी की कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की कंपनियों में पैसा लगाने के मामले में कंपनी मामलों के मंत्रालय ने जांच शुरू कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच की शुरुआत मुंबई और नागपुर में कंपनी मामलों के रजिस्ट्रार करेंगे। जांच में कोई गड़बड़ी पाए जाने पर गडकरी के कंपनियों की जांच का जिम्मा कंपनी मामलों के मंत्रालय की विशेष धोखाधड़ी इकाई को सौंपा जा सकता है।

गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखकर कंपनी मामलों के मंत्रालय से गडकरी की कंपनी में निवेश की जांच कराने की मांग की थी।

गडकरी की कंपनी पूर्ति पावर एंड सुगर लिमिटेड में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगने के बाद कंपनी मामलों के मंत्री वीरप्पा मोइली ने जांच के संकेत दिए थे।

दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री को जो चिट्ठी लिखी है उसमें कहा है कि गडकरी की पूर्ति पावर एंड सुगर में जिन 18 कंपनियों ने निवेश किए हैं, उनमें से कई का अता-पता नहीं है। कई के हेड ऑफिस मुंबई के एक छोटे से कमरे में दर्शाए गए हैं। कांग्रेस महासचिव ने दावा किया है कि जिन कंपनियों के नाम निवेशकर्ताओं में शामिल हैं उनमें से अधिकांश फर्जी हैं। उन्होंने लिखा है कि गडकरी की कंपनी में ड्राइवर और उनके ज्योतिषी निदेशक हैं और उन्हें करोड़ों रुपये के फर्जी शेयर बंटे हुए दिखाए गए हैं।

एक समाचार चैनल के मुताबिक गडकरी ने महाराष्ट्र सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहते हुए जिस कंपनी को करोड़ों के ठेके दिलवाए उस कंपनी ने भी पूर्ति पावर एंड सुगर में निवेश किया है। लेकिन इस आरोप से गडकरी पहले ही इंकार कर चुके हैं।

इस बीच, एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया है कि पूर्ति पावर एंड सुगर को फंडिंग करने के लिए कंपनियों का एक पूरा जाल है। देशभर में करीब 100 पंजीकृत कंपनियां इसे फंडिंग करती हैं।

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