65 बर्षीय पूर्व सरपंच 51 सौ बृक्षों की कर रहे सुरक्षा

पलेरा (टीकमगढ़) 16 अप्रेल 2018- आज बुन्देलखण्ड के समाजिक कार्यकर्ता श्री संतोष गंगेले व्दारा ग्राम बेला, गौना, करौला ग्रामीण क्षेत्रों में नषा, दहेज, यातायात सुरक्षा, समाज उत्थान को लेकर ग्राम बेला के पूर्व सरपंच के फार्म हाउस बेला पहुॅचे जहां उन्होने ग्राम पंचायत बेला के पूर्व सरपंच श्री बद्री प्रसाद अहिरवार जो कि 65 बर्ष की उम्र पार करने वाले है उनके कार्य करने की क्षमता की भूरि भूरि सराहना की साथ ही उनके कार्यो के प्रति उनका सम्मान किया ।
समाज को दिषा देने का होसला कायम रखने वालेेे टीकमगढ़ जिला के जनपद पलेरा ग्राम पंचायत बेला के पूर्व सरपंच श्री बद्री प्रसाद अहिरवार जो कि 65 बर्ष की उम्र पार करने वाले है लेकिन आज भी उनके अंदर जवान युवाओं से ज्यादा जजवा है । धसान नही के किनारे उनके फार्म हाउस में समाजिक कार्यकर्ता श्री संतोष गंगेले एक हरे भरे बगीचा का अवलोकन किया । इस बगीचा के मालिक पूर्व सरपंच श्री बद्री प्रसाद अहिरवार ने बताया वह अपने कर्मो एवं व्यवहार के कारण पंचायती राज्य सरकार में 25 बर्षो तक आलमपुरा एवं बेला पंचायत के 25 बर्षो तक सरपंच रहे अनेक सामाजिक कार्य करते रहे लेकन बर्ष 2010 से उन्होेने अपना घर परिवार को छोड़ कर धसान नही के किनारे तीन एक भूमि में 51 सौ फलदार बृक्षों का रोपण किया जिसमें 4500 के लगभग ऑवला के पेड़, छैः सौ अन्य पेड़ पौधा लगाये जिसमें अनार, नीबू, पपीता, आम, कुछ इमारती और कुछ सुंदर फूलों के पौधा लगाकर अपने बगीचा को ही अपना परिवार बना रखा है ।
ग्राम पंचायत बेला के पूर्व सरपंच श्री बद्री प्रसाद अहिरवार जो कि 65 बर्ष की उम्र पार कर चुके है लेकिन उनका होसला आज भी उसी तरह है जैसे किसी युवा को होता है वह अपने फार्म हाउस पर गाय को संरक्षण करते है और गोबर खाद के माध्यम से 4 बडे़ गमलों के माध्यम से जैबिक खाद बनाते है , कैचूवा का वर्मी कम्पोज खाद का उत्पादन करते है । इस कार्य में उन्हे मध्य प्रदेष सरकार व्दारा कोई सहयोग नही दिया गया है । उनका कहना है कि वह अपने इस बगीचा के सभी पेड़ पौधा, वृक्षों की सेवा पुत्र, संतान की तरह करते है वह अपने घर-परिवार को त्याग कर इसी बगीचा में अपना जीवन व्यतीत कर रहे है साथ ही बुन्देलखण्ड के किसानांे को संदेष देना चाहते है कि प्रत्येक किसान सरकार की नीतिओं को लाभ ले तथा कड़ी मेहनत करके कम लागत में अच्छी फसलें उत्पादन कर सकता है । पानी के आभाव की समस्या बताते हुए उन्होने कहा कि प्रकृति प्रकोप के लिए मानव ही जुम्मेदार है । आज मानव में मानवता समाप्त हो रही है । बर्तमान में निजी स्वार्थ एवं काम क्रोध के कारण मानव अपना चरित्र एवं ष्षरीर दोनो समाप्त करने में लगा है ।
ग्राम पंचायत बेला के पूर्व सरपंच श्री बद्री प्रसाद अहिरवार ने प्रदेष एवं भारत सरकार से अनुरोध किया है कि निःस्वार्थ समाजसेवा करने वाले बुन्देलखण्ड के सामाजिक कार्यकर्ता श्री संतोष गंगेले ने जो समाजसुधार के लिए अपना संकल्प लिया है ऐसे व्यक्तिय की संकल्प याात्रा फसलता के लिए ईष्वर से प्रार्थना करता हैू ऐसे सामाजिक व्यक्त्यिों को महापुरूष कहा जाने में कोई अतिषोक्ति न होगी ।

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