पत्रकार हत्या मामले में राजा कोलंदर को उम्र कैद

पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में अभियुक्त रामनिरंजन उर्फ राजा कोलंदर व उसके साले वक्षराज को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। अपर जिला जज महताब अहमद ने एक दिन पूर्व आरक्षित किया गया निर्णय शुक्रवार को सुनाया। उन्होंने दोनों पर जुर्माना भी लगाया है। दोनों को गुरुवार को घोषित निर्णय में दोषी ठहराया गया था।

जिला न्यायालय में शुक्रवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई। बचाव पक्ष के तर्को का विरोध करते हुए सहायक शासकीय अधिवक्ता केसी पाडेय व एसएल कुशवाहा ने कहा कि अभियुक्तों को फासी की सजा दी जाए। न्यायालय ने अपने निष्कर्ष में पाया कि दोनों अभियुक्तों को उपरोक्त सजा से दंडित करने पर न्याय की मंशा पूर्ण होगी।

पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में न्यायालय द्वारा शुक्रवार को बचाव पक्ष व अभियोजन को सजा के बिंदु पर पक्ष पेश करने के लिए अवसर दिया गया था। उभय पक्ष की ओर से क्या बहस होगी, इसे सुनने के लिए कोर्ट के अंदर व बाहर वादकारियों के साथ ही अधिवक्ता एवं मीडिया के लोग भी मौजूद थे। न्यायालय के आदेश पर नैनी जेल से तलब राजा कोलंदर व उसके साले वक्षराज को जेल पुलिस ने कोर्ट में पेश कर कटघरे में खड़ा किया। न्यायाधीश महताब अहमद ने खुली अदालत में सजा सुनाई। सजा सुनने के बाद दोनों अभियुक्तों के चेहरे पर शिकन नहीं थी। संभवत: उन्हें पहले से आभास था कि उन्हें उम्रकैद की सजा ही दी जाएगी।

वास्तव में राजा कोलंदर का नाम राम निरंजन है। अपराध जगत में आने पर इसकी तड़क-भड़क देखकर उसकी जाति बिरादरी जो आदिवासी कोल है, उसे कोल जाति का राजा मानते हुए राजा कोलंदर के नाम से सम्मान देने लगी। धीरे धीरे यही नाम तमाम लोगों की जुबान पर आ गया। बहुत कम लोग इसे रामनिरंजन के नाम से जानते थे।

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