दिल्ली गैंगरेप: बेटी की पहचान उजागर करने से पिता का इन्कार

दिल्ली गैंगरेप की भेंट चढ़ी युवती के पिता ने उन खबरों को खारिज किया है जिसमें उन्होंने अपनी बेटी का नाम सार्वजनिक करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने ऐसा सिर्फ उस वक्त के लिए कहा था जबकि भारत सरकार महिलाओं से जुड़े कानून को उनकी बेटी का नाम दे। ऐसा न होने तक उन्होंने अपनी बेटी का नाम उजागर करने के लिए उन्होंने साफ इन्कार किया है।

गौरतलब है कि रविवार को एक ब्रिटिश अखबार ने युवती के पिता से बातचीत के आधार पर कहा था कि उन्होंने बेटी का नाम उजागर करने पर कोई आपत्ति नहीं है। अखबार ने न सिर्फ युवती का नाम उजागर किया बल्कि उसके पिता की फोटो को भी अपनी साइट पर प्रकाशित किया था। लेकिन आज दो इंडियन न्यूजपेपर्स से बातचीत के दौरान उन्होंने इस तरह की बात से साफ इन्कार कर दिया। इससे पहले कुछ वेब साइट्स पर अंग्रेजी अखबार को आधार बनाकर युवती की पहचान उजागर कर दी गई थी। इस बीच केंद्रीय शशि थरूर ने भी युवती की पहचान को उजागर न करने पर जोर दिया है।

इससे पूर्व अंग्रेजी अखबार को दिए एक इंटरव्यू मे युवती के पिता ने कहा था कि उनकी बेटी ने अपनी आत्मरक्षा में प्राण गंवाए हैं। वह चाहते हैं कि उनकी बेटी का नाम दुनिया जाने और उन सभी को उससे हिम्मत मिले जो आए दिन इस तरह की घिनौनी हरकतों का सामना करती हैं।

एक अंग्रेजी अखबार से की गई बातचीत में उन्होंने युवती के पिता ने बताया कि उन्हें गर्व है कि उनकी बेटी ने बहादुरी से उन दरिंदों का सामना किया। उन्होंने अपनी बेटी का नाम भी बताया है और कहा है कि दुनिया को उसका नाम जानना चाहिए, क्योंकि उनकी बेटी ने कोई गलत काम नहीं किया है। वह अपनी जान की हिफाजत करते हुए मरी है और दुनिया की दूसरी औरतों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन सकती है।

इस बातचीत में उन्होंने अपनी बेटी के नाम को उजागर करने की अनुमति देने के साथ उसका फोटो कहीं भी न दिखाए जाने की अपील भी मीडिया से की थी। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में मौजूदा कानूनों को नाकाफी बताते हुए उनमें बदलाव की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन अपराधों को रोकने वाले कानून को उनकी बेटी का नाम दिए जाने से उन्हें कोई एतराज नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता है तो यह उसके लिए एक सम्मान की बात होगी।

अपनी इस बातचीत में उन्होंने उस वक्त का भी जिक्र किया जब वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थी। उन्होंने कहा कि बेइंतहा पीड़ा सहने के बाद भी वह जब उसके पास होते थे, तब वह खुश होती थी। उन्होंने कहा कि उस खौफनाक रात को वह और उनकी पत्नी बेटी के ग्यारह बजे तक घर न पहुंचने से परेशान थे। उन्होंने उसके और अवींद्र के मोबाइल पर भी फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। बाद में उन्हें करीब सवा ग्यारह बजे अस्पताल से फोन आया जिसमें बताया गया कि उनकी बेटी के साथ कोई हादसा हुआ है। वह तुरंत वहां गए और बाद में उन्होंने अपनी पत्नी और दोनों बेटों को भी वहां बुला लिया।

उन्होंने बताया कि जिस दौरान उनकी बेटी अपने बयान दे रही थी तो उनकी इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह उसको सुन सकें, लिहाजा वह वहां नहीं रुक पाते थे। बाद में उनकी पत्नी उन्हें इसकी जानकारी देती थी। लेकिन वह इतने खौफनाक थे कि उन्हें यहां पर बयान नहीं किया जा सकता है। इस भारत की बेटी के पिता ने उन खबरों का भी खंडन किया जिसमें युवती के अपने पुरुष मित्र से शादी करने की बात कही जा रही थी। उन्होंने साफ कहा कि यह संभव ही नहीं था क्योंकि वह अलग अलग जाति के थे। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी डाक्टर बन कर अपने परिवार को बेहतर जिंदगी देने की ख्वाहिशमंद थी।

गौरतलब है कि 16 दिसंबर की रात को दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप के बाद छह आरोपियों युवती और उसके मित्र को चलती बस से बाहर फेंक दिया था। इसके बाद दोनों को ही दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन युवती की हालत बेहद खराब होने के बाद उसको सिंगापुर के अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए भेजा गया था, जहां उसकी मौत हो गई। इस घटना के सामने आने के बाद से ही इसको लेकर प्रदर्शन का दौर जारी है।

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