अजमेर के पत्रकारों-साहित्यकारों की लेखन विधाएं

भाग आठ
श्री अमित टंडन
दैनिक भास्कर ने जल्दी ही पत्रकारिता की स्थानीय ज़मीन पर अपनी जड़ें जमा लीं थीं और नई पौध के युवा लेखकों ने उस दौर का पूरा उपयोग कर खुद को साबित किया। अजमेर में नए दौर की पत्रकारिता में 21वीं सदी के शुरुआत में जो नाम तेजी से बढ़ा था, वो था अमित टंडन। मुम्बई के सामना, लोक स्वामी व राष्ट्र विचार समाचार पत्रों में काम करने के बाद जब वे 1997 में अजमेर लौटे तो दैनिक भास्कर यहां स्थापित होने की जद्दोजहद कर रहा था। भास्कर की सबसे शुरुआती टीम का हिस्सा बनने के बाद श्री टंडन ने बहुत जल्दी पत्रकार व लेखक के रूप में अपना नाम बनाया।
जब भास्कर ने श्री अनिल लोढ़ा जी के संपादकीय कार्यकाल में 2003 में स्मार्ट अवार्ड शुरू किए थे, तब टंडन डाक डेस्क प्रभारी थे। उस वक्त डेस्क पर रहते हुए उन्होंने अजमेर डिस्कॉम के घोटाले की एक्सक्लूसिव खबर छापी थी। बाद में उस खबर के करीब 14 फॉलो अप छपे। रिपोर्टिंग के लिए सबसे पहला बेस्ट स्मार्ट स्टोरी अवार्ड श्री अमित टंडन को मिला था।
फि़ल्म समीक्षाओं के लिए भी श्री टंडन का नाम जाना जाता है। करीब डेढ़ हजार फिल्मों की समीक्षा प्रकाशित हुई। इसी क्रम में हस्तियों के साक्षात्कार किये थे, जिनमें उमराव जान फि़ल्म के निर्देशक मुजफ्फर अली, गीतकार नक्श लायलपुरी तथा रजनीगंधा व आनंद जैसी फिल्मों के गीतकार योगेश सहित अनके फि़ल्म कलाकारों (सचिन, संगीतकार उत्तम कुमार व आनंदजी, गायक अनूप जलोटा, अदाकार राहुल रॉय, निर्देशक इंद्रकुमार व सावन कुमार आदि के साक्षात्कार याद आते हैं।
दैनिक भास्कर में स्व. श्री राजेन्द्र हाड़ा द्वारा संपादित पेज महानगर प्लस और बाल साहित्यकार स्व. श्री मनोहर वर्मा जी द्वारा संपादित पेज विविधा के वे नियमित लेखक रहे।
समसामयिक विषयों पर टिप्पणियां, सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर लेख, व्यंग्य लेखन सहित विभिन्न मुद्दों पर तीखे बाण छोड़ते आर्टिकल उनकी पहचान बने।
मेरे न्यूज़ पोर्टल अजमेरनामा डॉट कॉम के लिए भी समय-समय पर बतौर गेस्ट राइटर, अनेक ताजा गर्म मुद्दों पर श्री टंडन के आर्टिकल व टिप्पणियां प्रकाशित होती रहती हैं।
एक कवि व गज़़लकार के रूप में भी टंडन ने खुद को आज़माया, मगर ये उनका केवल शौक है। मिजऱ्ा ग़ालिब पर उनके द्वारा बनाई गई वेब साइट the ghlaib dot com 2003 में काफी चर्चा में थी। कंप्यूटर का चलन उस समय तेजी पकड़ रहा था, जब 2003 में ये साइट डेवलप करके on air की थी। इसमें ग़ालिब का पूरा दीवान तो था ही, साथ ही उनके जीवन के रोचक किस्से, उनका व्यक्तित्व, आदतें, उनका दर्शन आदि सहित श्री टंडन द्वारा चित्रित ग़ालिब के कुछ स्केच भी शामिल थे।
कंप्यूटर की जानकारी की वजह से श्री अमित टंडन का नाम भास्कर ग्रुप के अजमेर संस्करण में प्रथम ऑनलाइन संपादकीय कार्मिक के रूप में भी जाना गया। बाद में सम्पूर्ण संपादकीय टीम को ऑनलाइन करने के उद्देश्य से जब वर्ष 2001-02 में भास्कर द्वारा ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया गया, तो उन्होंने दो महीने का एक कंप्यूटर कोर्स सभी संपादकीय साथियों को पढ़ाया। उसके बाद संभी डेस्क कार्मिक पेन लेस पत्रकार के रूप में सीधे कंप्यूटर पर काम करने लगे।
इस बीच जब tv पत्रकारिता की एक आंधी शुरू हुई, तो श्री टंडन ने वहां भी खुद को साबित कर दिखाया। स्थानीय tv न्यूज़ चैनल स्वामी न्यूज़ में बतौर समाचार संपादक व विजुअल संपादक के रूप में तो उन्होंने काम किया ही, मगर एक सफल tv प्रस्तोता के रूप में स्थानीय स्तर पर जो मुकाम श्री टंडन ने हासिल किया, वो उनके हुनर का हासिल है। चाहे न्यूज़ रीडिंग हो, समूह चर्चा हो, रोड शो या टॉक शो हों, ह्ल1 के हर तरह के कार्यक्रमों की एंकरिंग करके उन्होंने शहर में अपनी एक अलग छवि स्थापित की। जब चैनल के MD श्री कंवल प्रकाश किशनानी ने न्यूज़ से हट कर, नेशनल चेनल्स की तजऱ् पर सिंगिंग व डांस रियलिटी शो बनाने की सोची तो उसके निर्देशन, संपादन व संचालन की जि़म्मेदारी भी श्री टंडन को सौंपी, और 2005-06 में उन्होंने सीमित संसाधनों में ये कारनामा भी कर दिखाया।
वर्ष 2017 में टंडन का अपना गज़़ल संग्रह अभी ख्वाब जि़न्दा हैं प्रकाशित हुआ और काफी चर्चाओं में रहा। विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं व ग्रुप्स द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन व मुशायरों में यदा कदा उनकी मंचीय प्रस्तुतियां भी यादगार रहती हैं।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

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