नन्दघर योजना से होगा आंगनबाड़ी केन्द्रों का कायाकल्प

anitaजयपुर, 21 मई। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि समेकित बाल विकास सेवाएं द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को घर-घर पहुुंचाने के साथ प्रदेश के 10 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को आगामी दो वर्षों में ‘नन्द घर योजना‘ से जोड़ा जाए ताकि प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों का कायाकल्प हो सके।
श्रीमती भदेल गुरुवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में समेकित बाल विकास सेवाएं पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कार्यशाला के दौरान ’’प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा पाठ्य चर्चा’’ पुस्तिका का भी विधिवत विमोचन किया। उन्होंने कहा कि विभाग से जुड़ी हुई सभी सूचनाओं को राजपोषण सॉफ्टवेयर के माध्यम से जोड़ा जा रहा है ताकि कार्य की सुगमता के साथ सूचनाओं के आदान प्रदान में आसानी रहेगी। उन्होंने आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र स्थापित करने के लिए कार्यकर्ताओं को पूरे मनोयोग से कार्य करने का आह्वान किया।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने कुपोषण की चर्चा करते हुए कहा कि कुपोषण बेहद गंभीर समस्या है, जिसको दूर करने एवं मातृशिशु दर में कमी लाने के इस पुनित कार्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूरे मनोयोग से काम करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अधीनस्थ कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिलवाने के साथ समय-समय पर कार्य का निरीक्षण करें और कार्य में दक्षता लाएं। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को औपचारिक केन्द्र बनने से बचाएं तथा जमीनी स्तर पर कार्य करने के साथ मानसिक सोच को बदलें। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्य करने वाली कार्यकर्ताओं व आशा सहयोगनियों को यशोदा योजना से पुरस्कृत किया जायेगा।
महिला बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर माइक्रो लेवल पर काम करने का समय आ गया है। पहले के लोग आंगनबाड़ी केद्रों को पोषाहार के लिए जानते थे लेकिन अब हालात बदलते जा रहे हैं। अब यहां शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। लोग भी अब आंगनबाड़ी केंद्रों से और ज्यादा उम्मीदें करने लगे हैं। उन्होंने केंद्रों को संवारने और सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए उप निदेशक और बाल विकास परियोजना अधिकारियों को जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से सीधे संपर्क में रहने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि नन्द घर योजना से आंगनबाड़ी केंद्रों की तस्वीर बदल सकती है।
आईसीडीएस के निदेशक डॉ. पृथ्वी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास में पिछले कुछ महीनों में बेहतरीन काम हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप आने वाले दिनों में विभाग का पूरा परिदृश्य ही बदला नजर आएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में आंगनबाड़ी केंद्र बुनियादी विकास का काम करते हैं। अब नन्द घर योजना आने के बाद सामाजिक सरोकार जुड़ने से इनमें और भी विकास होगा। उन्होंने कहा कि अगर एक अधिकारी चार केंद्रों को संवारने और उन्हें नंद घर योजना से जोड़ने का बीड़ा उठा लेगा तो हम साल भर में ही 10 हजार केंद्रों की कायाकल्प करने की क्षमता रखते हैं।
डॉ. पृथ्वी ने कहा कि राजपोषण सॉफ्टवेयर के जरिए डेढ़ लाख से ज्यादा मानदेयकर्मियों के मानदेय का ऑनलाइन भुगतान, आंगनबाड़ी स्तर पर विशाल डाटा बेस एवं सूचना तैयार करने के साथ उनके स्वरूप को सरलीकृत किया जाएगा, जिससे सहज मास्टर डाटा एन्ट्री एवं रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी। इस एप्लीकेशन से आंगनबाड़ी केन्द्रों का संसदीय या विधानसभा क्षेत्र, ग्राम पंचायत, शहरी वार्ड, राजस्व गांव के आधार पर मानचित्रीकरण भी संभव हो सकेगा। उन्होंने बताया कि इस वेब एप्लीकेशन के जरिए सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सूचना देने-लेने में खासी मदद मिलेगी।
कार्यशाला में विशिष्ट सचिव श्री एच.एल.अटल के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

1 thought on “नन्दघर योजना से होगा आंगनबाड़ी केन्द्रों का कायाकल्प”

Comments are closed.

error: Content is protected !!