सांसद दुष्यंत सिंह ने की अफीम के निरस्त पट्टों को बहाल करने की मांग

dushyant-singhझालावाड़/बारां, 15 सितम्बर। सांसद श्री दुष्यंत सिंह ने झालावाड़-बारां संसदीय क्षेत्र में वर्ष 2006-08 के दौरान निरस्त किए गए अफीम के पट्टों को बहाल करने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा है कि एनडीपीएस एक्ट में किसानों एवं तस्करों के लिए अलग अलग प्रावधान होने चाहिये।

श्री सिंह ने गुरूवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अफीम उत्पादक किसानों की भरपूर पैरवी की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006-07 व 2007-08 के दौरान अतिवृष्टि के कारण अफीम की 60 से 65 प्रतिशत तक फसल खराब होने के बाद नारकोटिक्स विभाग ने बहुत बड़ी संख्या में किसानों के अफीम की खेती के लाईसेंस समाप्त कर दिये थे। फसल खराबे से संबंधित प्रशासनिक रिपोर्टाें को अवैध मानकर नारकोटिक्स विभाग ने अफीम की खेती के ये पट्टे निरस्त किए गए थे।

झालावाड़-बारां सांसद ने मांग की कि नई अफीम नीति में उस समय के पट्टाधारक किसानों के लाईसेंस बहाल किए जाएं। साथ ही, अफीम की खेती के इच्छुक किसानों को 10-10 आरी के लाइसेंस दिए जाएं। उन्होंने कहा कि पांच लाईसेंस से कम वाले राजस्व गांवों के काश्तकारों को उनके अपने गांवों में लाईसेंस दिया जाना चाहिए।

सांसद श्री सिंह ने अफीम की फसल को मौसम बीमा से जोड़ने की भी मांग की और कहा कि प्राकृतिक आपदा से नुकसान पर 5 हजार रूपए प्रति 10 आरी मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्धारित क्षेत्रफल से कम या ज्यादा बुआई की स्थिति में जांच कराकर अधिक क्षेत्रफल की अफीम की फसल नष्ट करा दी जाए, लेकिन पट्टे निरस्त करने से पहले एक बार चेतावनी का प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एनडीपीएस एक्ट में तस्कर एवं किसान के लिए अलग अलग कानूनी प्रावधान हों, ताकि किसानों को अनावश्यक परेशानी से बचाया जा सके।

बैठक में चित्तौड़गढ़़ से सांसद श्री सीपी जोशी सहित अन्य अफीम उत्पादक क्षेत्रों के सांसद एवं नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

error: Content is protected !!