बिछने लगी चुनावी बिसात

राजस्थान विधानसभा के चुनाव अगले साल अंत में है, लेकिन चुनावी रणनीति की बिसात अभी से बिछने लगी है। दो बड़ी पार्टियों कांग्रेस एवं भाजपा से नाराज नेता अब प्रदेश में तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी कर रहे हैं। तीसरा मोर्च बनाने को लेकर प्रयास में जुटे है दौसा के निर्दलीय सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, प्रदेश के गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और विधायक हनुमान बेनीवाल।

तीनों ही भाजपा में रहे हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से नाराजगी के चलते तीनों ने ही पार्टी छोड़ी और कांग्रेस एवं भाजपा से दूर हो रहे जनाधार वाले नेताओं को एकजुट करने में जुटे हुए हैं। प्रदेश में तीसरे विकल्प के रूप में स्थापित करने के लिए बनाई जाने वाली नई पार्टी की घोषणा अगले साल जनवरी में की जाएगी। पार्टी के लिए अभी नाम तय नहीं है, लेकिन इसके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

सांसद डॉ. मीणा एवं विधायक हनुमान बेनीवाल ने बताया कि इसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई है। मीणा ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के लोग त्रस्त हो चुके हैं और इन दोनों के भ्रष्टाचार के कारनामों से परेशान हैं। भाजपा और कांग्रेस की अंतर्कलह ने भी लोगों को विचलित कर दिया है। ऐसे में तीसरे विकल्प की जरूरत महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि नई पार्टी बनाने में विधायक बेनीवाल उनके साथ है। किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि राम और हनुमान साथ होंगे तो लंका जीत ही लेंगे। जब उनसे पूछा गया कि लंका कौन है तो उन्होंने कहा कि उनका मकसद भ्रष्टाचार की लंका का सर्वनाश है। नई पार्टी बनाने के लिए कई विधायक और अच्छी पैठ वाले जनप्रतिनिधि भी संपर्क में हैं।

उधर, हनुमान बेनीवाल ने 40 विधायकों के संपर्क में होने का दावा किया है। विधायक हनुमान बेनीवाल ने कहा कि आज का युवा भ्रष्ट नेताओं को पसंद नहीं करता, इसलिए चुनाव में तीसरे मोर्चे का विकल्प होना जरूरी है। इसके लिए वे और किरोड़ी लाल मीणा मिलकर इसकी तैयारियों में जुटे हैं। बेनीवाल ने कहा कि देश के 17 राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियां राज कर सकती हैं तो राजस्थान में यह संभव हो सकता है। नई पार्टी बनाकर किसान को मुख्यमंत्री बनाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे को भ्रष्टाचारी नेताओं का समूह घेरे बैठा है। वे ही अपनी नेता बताकर चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं, जबकि पार्टी में एक राय नहीं है। सूत्रों के मुताबिक नई पार्टी बनाने के साथ ही मीणा की समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव से भी चर्चा हुई है। अगर सपा प्रदेश में चुनाव की कमान पूरी तरह से मीणा को सौंपने को तैयार हो जाती है तो वे मुलायम के साथ भी जा सकते हैं।

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