आईएएस में सफलता की एक मात्र कुंजी गहन परिश्रम – मलिक

उदयपुर, 15 अप्रेल (वि.)। राजस्थान सिन्धी अकादमी जयपुर, राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद् नई दिल्ली एवं पूज्य सिन्धी साहिती पंचायत उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आई.ए.एस.पाठ्यक्रम कार्यशाला (भारतीय प्रशासनिक सेवा सिन्धी विषय/भाषा के माध्यम से) का आयोजन रविवार को स्थानीय झूलेलाल भवन, शक्ति नगर में किया गया।

अतिथियों द्वारा इष्टदेव झूलेलाल जी की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्जवल एवं माल्यार्पण से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। सर्वप्रथम अपने स्वागत भाषण में अकादमी अध्यक्ष हरीश राजानी ने कार्यशाला आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि सिन्धी भाषी प्रतियोगियों को प्रोत्साहित करने के लिये राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद् के सौजन्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने अकादमी की गतिविधियों एवं योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुये कहा कि अकादमी द्वारा सिन्धी विषय में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिये अकादमी द्वारा प्रोत्साहन राशि/छात्रवृति में तीन गुना से अधिक वृद्धि की गई है ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी सिन्धी विषय लेकर आर0ए0एस0 एवं आई0ए0एस0 की तैयारी के लिये प्रोत्साहित हो सके। अकादमी भविष्य में भी इसी प्रकार की अन्य योजनाओं पर कार्य कर रही है, इसमें अभिभावकों एवं विद्यार्थियों का सहयोग अपेक्षित है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये जिला कलेक्टर उदयपुर विष्णु चरण मलिक ने अपने उद्बोधन में कहा कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता की एक मात्र कंुजी गहन परिश्रम हैं, लेकिन भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन के लिये आपको परीक्षा की तैयारी से पहले इस एग्जाम की फिलोसफी को समझना बहुत जरूरी है, क्योंकि दिन-रात पढ़ने से या सैकड़ों किताबें पढ़ने से ही सफलता की गांरटी नहीं होती है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उदयपुर नगर निगम के आयुक्त सिद्धार्थ सिहाग ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रतियोगियों को सही किताबों का चयन करना चाहिये। कई किताबों को पढ़ने से अच्छा है एक ऐसी क्वालिटी की किताब पढ़ें जिससे आपके बेसिक कॉन्सेप्ट क्लियर हो। उन्होंने कहा कि भारतीय सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिये कैंडिडेट्स को इकोलॉजी, एंवायरमेंट, आर्ट और कल्चर पर फोकस कर इन सभी टॉपिक्स की अच्छे से तैयारी करने पर आप सफलता जरूर पा सकते हैं।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आई0जी0रेलवे श्री राजाराम भागवानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज के होनहार विद्यार्थियों को भारतीय/राजस्थान प्रषासनिक सेवा व अन्य सरकारी ओहदों पर आने की अभी से तैयारी करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के षिविर और लगाये जाने चाहिये, इससे सिन्धी भाषा व संस्कृति का विकास होगा।

वाणिज्यिक कर विभाग की उपायुक्त (प्रशासन) प्रज्ञा केवलरामाणी (त्।ै) ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी सिन्धी विषय/भाषा के माध्यम से कराने के लिये अकादमी एवं विकास परिषद् साधुवाद के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला से परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को काफी मदद मिलेगी।

राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद् के निदेशक डा0रवि प्रकाश टेकचंदानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी सिन्धी विषय/भाषा के माध्यम से करने पर आपके अवसर कई गुना बढ़ जाते हैं। यह जरूरी नहीं है कि एक बार में आपको सफलता प्राप्त हो जाय। इसके लिये आपको कई बार प्रयास करने पड़ सकते हैं। सकारात्मक सोच से एक दिन सफलता जरूर मिलती है।

कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों को शॉल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन ज्ञानेन्द्र ज्ञानी, भावना मोरयानी एवं कविषा मनवानी एवं प्रोजेक्टर संचालन रिषिका लालवानी ने किया। पूज्य सिन्धी साहिती पंचायत के श्री आर0सी0चोटरानी, रमेष दतवानी, मनोहर खूबचंदानी, लक्ष्मण रामचंदानी एवं पूज्य साहिती युवा संगठन, पूज्य सिन्धी साहिती महिला संगठन, एवं पूज्य सिन्धी साहिती पंचायत की समस्त कार्यकारिणी के सहयोग से कार्यक्रम सफल हो सका। अकादमी सचिव ईश्वर मोरवानी ने सभी आगंतुको का आभार व्यक्त किया।

(ईश्वर लाल मोरवानी)
सचिव

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