स्वर्णप्राशन संस्कार के तहत 36 बच्चों को पिलाई दवा

बीकानेर, 1 नवंबर। पुष्य नक्षत्र के अवसर पर बुधवार को स्वदेशी जागरण मंच एवं आरोग्य भारती के संयुक्त तत्वावधान् में लक्ष्मीनाथ मंदिर स्थित सत्संग भवन में स्वर्णप्राशन संस्कार का आयोजन किया गया। इस दौरान 8 वर्ष तक के 36 बच्चों को दवा दी गई। मंच के महानगर संयोजक मधुसूदन व्यास ने बताया कि वैद्य गौरी शंकर शर्मा के सान्निध्य में इसका आयोजन किया गया। यह दवा संस्कृति आर्य गुरुकुलम्, राजकोट द्वारा उपलब्ध करवाई गई। वैद्य शर्मा ने बताया कि स्वर्णप्राशन हमारे 16 संस्कारों में से एक है। जिस प्रकार टीकाकरण होता है, उसी प्रकार आयुर्वेद में स्वर्णप्राशन होता है। स्वर्ण भस्म को शुद्ध करते हुए गाय का घी, शहद, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, अश्वगंघा और वचा आदि को देशी गाय के दूध के साथ मिलाकर लिक्विड बनाया जाता है। केसरीचंद पुरोहित ने बताया कि यह बच्चों में इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाने, मौसमी बीमारियों एवं भविष्य में होने वाले रोगों से भी बचाता है। शारीरिक और मानसिक विकास के साथ पाचन भी ठीक रहता है। गोपीकृष्ण आचार्य ने बताया कि पांच वर्ष तक के बच्चे को एक, 6 से 10 वर्ष तक के बच्चे को दो और 11 से 16 वर्ष तक के बच्चे को तीन बूंद दे सकते हैं।

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