स्कूलों में चाॅक-डस्टर का फण्ड भी समय पर नहीं दे पाई सरकार

प्रो. वासुदेव देवनानी
जयपुर/अजमेर, 13 फरवरी। पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि बेहतर शिक्षा का राग अलापकर वाहवाही बंटोरने वाली कांग्रेस सरकार प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में समय पर दरी-पट्टी, चोक डस्टर, समाचार पत्रों जैसी मूलभूत सुविधाएं तक मुहैया कराने में विफल रही है। वर्तमान सत्र समाप्ति की ओर है लेकिन अभी तक माध्यमिक विद्यालयों को कम्पोजिट ग्रांट योजना की मात्र 25 प्रतिशत राशि दी गई है जिससे चोक-डस्टर खरीदने के लिए भी विद्यालयो को प्रदेश सरकार का मुंह ताकना पड रहा है।
पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री देवनानी ने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत विद्यालयों में आवश्यक संसाधनों के लिए कम्पोजिट ग्रांट योजना में दी जाने वाली राशि के बारे में उन्होने विधान सभा में एक तारांकित प्रश्न पूछा था। उन्होने कहा कि सरकार ने गुरूवार को विधान सभा में पेश किये गये प्रश्न के जवाब में बताया है कि इस योजना में वर्तमान सत्र में माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों को निर्धारित राशि में से मात्र 25 प्रतिशत राशि माह नवम्बर 2019 में दी गई है जबकि प्रारंभिक शिक्षा के विद्यालयों को 25 प्रतिशत राशि देना अभी तक बाकी है।
उन्होने कहा कि सरकार द्वारा शैक्षणिक सत्र के प्रारंभ में राजकीय विद्यालयों को नामांकन के आधार पर आवश्यक सुविधाओं के लिए कम्पोजिट ग्रांट योजना में राशि आवंटित की जाती है जिससे विद्यालयों में दरी पट्टी, श्यामपट्ट मरम्मत, चोक डस्टर, समाचार पत्र, पेयजल-विद्युत व्यवस्था, अग्निशमन यंत्र, सिलेण्डर में गैस, इंटरनेट, झाडू, प्रयोगशाला उपकरण मरम्मत इत्यादि मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। गत भाजपा सरकार के कार्यकाल में सत्र के प्रांरभ में ही सम्पूर्ण राशि एकमुश्त दी जाती थी लेकिन आज प्रदेश में दुर्भाग्यपूर्ण हालात है कि एकमुश्त राशि देना तो दूर की बात है सत्र समाप्ति का समय आ जाने तक भी पूरी राशि नहीं दी जा रही है।
देवनानी ने कहा कि निर्धारित राशि नहीं मिलने से विद्यालयों में बच्चों को अभावों में शिक्षार्जन करनी पड रही है। राशि के अभाव में विद्यालयों की समय पर साफ सफाई भी नहीं करा पा रहे है। छात्रों को पढाने के लिए चोक-डस्टर, दरी पट्टी की भी समय पर व्यवस्था नहीं हो पा रही है। छात्रों को देश दुनिया की जानकारी देने वाला समाचार पत्र भी विद्यालयों में नहीं खरीदा जा रहा है। ऐसे तो कांग्रेस सरकार निरोगी राजस्थान का दंभ भर रही है लेकिन हकीकत यह है कि विद्यालयों में राशि के अभाव में शौचालयों की नियमित सफाई भी नहीं हो पा रही है। विद्यार्थियों में संक्रमण फैलने की संभावना बनी हुई है। यहाॅ तक की बच्चों के हाथ धोने के लिए साबुन तक भी नहीं खरीदा जा रहा है। कांग्रेस का बेहतर शिक्षा का नारा केवल नारों तक ही सीमित रह गया है।

कितने नामांकन पर कितनी राशि
1-15 ं-12,500 रू.
16-100 – 25,000 रू.
101 से 250 -50,000 रू.
251-1000 -75,000 रू.
1000 से अधिक -1,00000 रू.

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