सेवा समाप्ति आदेश को निरस्त करते हुए सेवा में दोबारा बहाली के आदेश दिए

(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम का मामला)

राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण जयपुर के द्वारा प्रबंध समिति श्री दिगंबर जैन आदर्श महिला संस्कृत पीजी कॉलेज श्री महावीर जी जिला करौली के कर्मचारी श्री नेमचंदन जैन के सेवा समाप्ति आदेश को निरस्त करते हुए सेवा में दोबारा बहाली के आदेश दिए तथा यह भी आदेश दिया कि इस अवधि के दौरान वेतन भत्ते की 50% राशि का भुगतान भी संस्था करें उल्लेखनीय है कि उक्त कर्मचारी ने अपने अधिवक्ता डीपी शर्मा के माध्यम से अपील प्रस्तुत कर निवेदन किया कि प्रार्थी को 31 जुलाई 1997 को नियुक्ति दी गई थी तथा संस्था अनुदान प्राप्त करती थी संस्था के द्वारा 20 अप्रैल 2009 को सेवा मुक्ति आदेश जारी कर दिया सेवा समाप्ति आदेश में लांछन लगाए गए प्रार्थी के अधिवक्ता का तर्क था कि सेवा समाप्ति आदेश लांछन युक्त पारित किया गया परंतु किसी प्रकार की जांच कार्यवाही नहीं की जांच कार्यवाही किए बिना सेवा मुक्ति आदेश पारित किया जो कि मनमाना है तथा शिक्षा निदेशक के द्वारा भी सेवा समाप्ति का अनुमोदन करते समय भी इस तथ्य का ध्यान नहीं दिया कि लांछन युक्त आदेश पारित होने पर नियमानुसार जांच कार्रवाई की जाना आवश्यक हैप्रार्थी के अधिवक्ता का यह भी तर्क था किसेवा समाप्ति आदेश पारित करने से पूर्व राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 वह राजस्थान गैर सरकारी शिक्षण संस्था नियम 1993 की पालना नहीं की जिसके तहत यह व्यवस्था है कि यदि सेवा समाप्ति आदेश लांचर नियुक्त पारित किया गया हो तो 3 सदस्य जांच समिति द्वारा जांच की जानी चाहिए जिसमें 1 शिक्षा निदेशक का प्रतिनिधि होना आवश्यक है तथा संपूर्ण जांच होने के पश्चात कर्मचारी को अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का अधिकार भी होना चाहिए जांच कार्यवाही अभ्यावेदन को विचार सेवा समाप्ति आदेश पर विचार किया जाना चाहिए तथा सेवा समाप्ति के पश्चात शिक्षा निदेशक से अनुमोदन के पश्चात ही सेवा समाप्ति की जा सकती है प्रार्थी के अधिवक्ता का यह भी तर्क था कि उसे 6 माह का वेतन भी नहीं दिया गया मामले की सुनवाई के पश्चात प्रार्थी को पुनः बहाली के आदेश दिए

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