खाप पंचायत का आदेश मोबाइल ना रखे मुस्लिम लड़कियां

सरकार चाहे कितने ही कानून बनाए, लेकिन खाप पंचायतों पर रोक नहीं लगा पा रही है। खाप पंचायतों द्वारा सुनाए जाने वाले फरमानों के तहत राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र उदयपुर में मुस्लिम संगठन अंजुमन मुसलमान पंचायत ने नया आदेश सुनाया है इसमें समाज की लड़कियों के मोबाइल रखने पर रोक लगा दी है। पंचायत के सचिव हबीबुर्रहमान ने बताया कि इसके साथ ही शादी समारोह में लड़कियों के नाच-गाने पर भी प्रतिबंध रहेगा। उदयपुर के सलूंबर में आयोजित एक बैठक में यह निर्णय लिया गया।

इधर विश्व हिंदू परिषद् के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगडि़या ने प्रदेश के ही सिरोही में आयोजित एक समारोह में कहा कि प्राचीन परंपरागत सामाजिक व्यवस्थाएं समाज के हित में हैं। इस लिहाज से खाप पंचायत व्यवस्था को गलत ठहराना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र में सरकार को बदलना होगा, तभी राष्ट्र निर्माण का सपना पूरा होगा। कश्मीर में हिंदू शरणार्थी बनकर रह गए हैं। उन्होंने सच्चर कमेटी की सिफारिशों की कड़ी आलोचना की।

उधर, प्रदेश के गृह राज्यमंत्री वीरेंद्र बेनीवाल ने खाप पंचायतों को देश एवं समाज के लिए ठीक नहीं बताते हुए कहा कि उदयपुर के सलूंबर खाप पंचायत में हुए निर्णय की जानकारी मंगवाई जा रही है, पुलिस अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। मुस्लिम लड़कियों पर मोबाइल के उपयोग पर लगाई गई पाबंदी का सामाजिक संगठनों ने विरोध किया है। राजस्थान महिला अत्याचार निवारण मंच की संयोजक रश्मी सुमन का कहना है कि इस तरह के निर्णय बिल्कुल बर्दास्त नहीं किए जाएंगे, सरकार को इन पर रोक लगानी चाहिए। सामाजिक समरसता मंच के अध्यक्ष दीपक अरोड़ा ने एक बयान जारी कर कहा कि खाप पंचायतों पर रोक लगाई जानी चाहिए।

गौरतलब है कि इससे पहले राजस्थान के भरतपुर में महिलाओं को पर्दा रखने और लड़कियों को शरीर पूरी तरह से ढक कर रखने को लेकर एक खाप पंचायत ने फरमान सुनाया था।

error: Content is protected !!