आदिवासी कल्याण पर राज्यपाल असंतुष्ट

margatजयपुर । राजस्थान की राज्यपाल मार्गेट आल्वा प्रदेश में आदिवासी कल्याण के लिए चल रही योजनाओं की क्रियान्विति से संतुष्ट नहीं है। राज्यपाल ने राज्य बजट से आदिवासी कल्याण के लिए निर्धारित 12.8 प्रतिशत राशि के आवंटन के प्रावधान को कम माना। प्रदेश में मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तीन तिमाही में 30 प्रतिशत बजट खर्च किया गया है।

उन्होंने आदिवासी कल्याण के लिए बजट आवंटन की प्रक्रिया में बदलाव का सुझाव दिया है और इस बारे में एक पत्र राज्य सरकार को भी भेजा है। राज्यपाल आल्वा ने पिछले दिनों कहा था कि वे आदिवासियों के कल्याण की योजनाओं पर विशेष ध्यान देंगी।

आल्वा ने सुझाव दिया है कि आदिवासी कल्याण के लिए बजट आवंटन के मामले में महाराष्ट्र पैटर्न राज्य में अपनाया जाना चाहिए। महाराष्ट्र में आदिवासी कल्याण के लिए एकमुश्त राशि का आवंटन जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग को किया जाता है और यह विभाग जनजाति उपयोजना क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यकताओं का निर्धारण कर पैसा खर्च करता है।

राज्यपाल ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी इस बारे में पत्र लिख कर यह पैटर्न राज्य में लागू करने का सुझाव दिया है।

गौरतलब है कि करीब एक साल पूर्व प्रदेश में राज्यपाल बनकर आई कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गेट अल्वा ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार के कामकाज पर विशेष निगरानी शुरू की है। कभी महिला एवं बाल कल्याण से सम्बन्धित योजनाओं पर तो कभी शिक्षा से जुड़े मामलों में सरकार को कामकाज में सुधार के निर्देश दिए, यही नहीं अधिकारियों का बुलाकर समझाया भी कि उन्हें क्या करना चाहिए।

राज्यपाल ने लोगों के अभाव अभियोग सुनने का काम भी शुरू किया है। हालांकि राज्यपाल की सक्रियता से सरकार कुछ परेशान है।

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