जयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायक किरण माहेश्वरी नें राजकीय उपक्रमों में एक तिहाई महिला निदेशको की नियुक्ति संबंधी घोषणा पर अताराकिंत प्रश्न से सूचना मांगी। राज्य सरकार ने बताया कि राजस्थान में 23 राजकीय उपक्रम है। इनमें एक तिहाई महिला निदेशकों की नियुक्ति की घोषणा वार्षिक बजट वक्तव्य में की गई थी।
अभी तक मात्र एक उपक्रम राजस्थान राज्य हाथकर्घा विकास निगम में ही घोषित स्तर तक महिला निदेशकों की नियुक्ति नहीं की गई है। अन्य 22 उपक्रमों में महिला निदेशकों की नियुक्ति नहीं की गई है।
किरण ने इस बात पर गहरा रोष व्यक्त किया कि सरकार बजट घोषणाओं की क्रियान्विति पर गंभीर नहीं हैं। घोषणा के 6 माह बाद भी मात्र एक उपक्रम में ही पालना होना महिला शक्ति का अपमान है। उन्होनें मुख्य मंत्री एंव राजकीय उपक्रम मंत्री से आग्रह किया कि एक पखवाडे़ में सभी उपक्रमों में महिला निदेशकों की नियुक्ति की जाए।
कागजों में सिमटी बी पी एल आवास योजनाः किरण
जयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायक किरण माहेश्वरी नें वर्ष 2012-13 के बजट में घोषित शहरी बीपीएल आवास योजना की स्थिति के बारे में तारांकित प्रश्न द्वारा सूचना मांगी।
प्रश्न के उत्तर में स्वायत शासन मंत्री ने बताया कि प्रतिवर्ष एक लाख परिवारों को योजना में 50000 रू. का अनुदान देने का लक्ष्य रखा गया है। अनुदान राशि इस वर्ष बढ़ा कर 70000 कर दी गई है। दो वर्षाे में 2 लाख परिवारों को लाभ देने के लक्ष्य के सामने मात्र97906 वित्तीय स्वीकृतियाँ ही जारी की गई है। इमनें से भी मात्र63618 परिवारों को ही प्रथम किश्त के रूप में आंशिक भुगतान किया गया है। 34288 परिवारों को भुगतान शून्य है।
राजसमन्द जिले में योजना की क्रियान्विति की स्थिति अत्यंत निम्न हैं। जिले में अभी तक मात्र 843 परिवारों को ही वित्तीय स्वीकृति दी गई है। इसमें से 673 परिवारों को आंशिक एवं 170 परिवारों को शून्य भुगतान किया गया है।
किरण नें कहा कि इस बहुप्रचारित प्रमुख योजना में पूरे राज्य में एक भी परिवार को अनुदान का पूर्ण भुगतान नहीं होना प्रशासनिक लापरवाही, भ्रष्टाचार एवं राजनितिक अक्षमता का परिचायक है। राजसमन्द जिले में दो वर्षों में मात्र 800 परिवारों को ही वित्तीय स्वीकृति अत्यंत चिंताजनक है। किरण ने स्वायत शासन मंत्री से आग्रह किया कि योजना के नियमों का सरलीकरण करके पात्र व्यक्तियों को अनुदान का पूर्ण भुगतान शीघ्र हो, ऐसी व्यवस्था करें।