भाजपा से प्रहलाद तो कांग्रेस से महेन्द्र प्रताप आमने-सामने

महेन्द्र प्रताप
महेन्द्र प्रताप

-डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव- दमोह/ चुनावी रणभेरी के बजने के साथ ही चुनावी रणभूमि में अपनी-अपनी सेनाओं के सेनापतियों की घोषणा हो चुकी है वैसे देखा जाये तो मुख्य मुकाबला पूर्व की तरह ही भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस के मध्य होने जा रहा है। देखा जाये तो दमोह लोकसभा क्रमांक 07 पर इस समय पुन: लोगों की नजरें टिकी हुई हैं और चर्चाओं एवं कयासों के दौर जारी है । अपनी अपनी दावेदारी को पूरे दम खम के साथ राजनैतिक दलों के नेता करने में लगे हुये हैं। विदित हो कि कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार की घोषणा करने में बाजी मारते हुये पहले ही महेन्द्र प्रताप को मैदान में उतारने की घोषणा कर दी थी । जबकि भारतीय जनता पार्टी ने लम्बी मशक्कत के बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटैल को मैदान में उतार दिया है।
यहां एक ही जाति के दो प्रमुख दलों के उम्मीदवारों के मध्य मुकाबला होने वाला है। कांग्रेस जहां एक ओर स्थानीय प्रत्यासी का मामला उठायेगी तो भाजपा दमदार अनुभवी नेता के रूप में अपने प्रत्यासी को बतलायेगी। कुल मिलाकर देखा जाये तो मुकाबला रोचक होगा? अगर क्षेत्र के इतिहास पर नजर डालें तो पूर्व में इसको दमोह-पन्ना लोकसभा के नाम से पहचाना जाता था जबकि वर्तमान में इसको दमोह के नाम जाना जाता है जबकि क्रमांक वही 07 है। 8 विधानसभा वाले दमोह लोकसभा में से एक आरक्षित जबकि बाकी सब अनारिक्षत हैं। जिसमें दमोह जिले की चार 54 पथरिया,दमोह 55,जबेरा 56 एवं 57 हटा है,वहीं सागर जिले की 38 देवरी,39 रहली,42 बंंडा,छतरपुर की 53 मलाहरा सीट सम्मिलित है। संपूर्ण लोकसभा क्षेत्र में 1,358,234 बतलाये जाते हैं,अगर विधान सभावार मतदाताओं की संख्या पर नजर डालें तो देवरी में 160,350,रहली में 176,108,बंडा मेें 176,993,मलहरा में 150,503,पथरिया में 165,758,दमोह 185,489,जबेरा में 169,816 एवं हटा में 173,217 मतदाता बतलाये जाते हैं।
क्या रहा है इतिहास- 

प्रहलाद पटैल
प्रहलाद पटैल

अगर क्षेत्र के इतिहास पर नजर डालें तो यहां पर 5 बार कांग्रेस,1 बार भारतीय लोकदल,7 बार भारतीय जनता पार्टी ने जीत का परचम लहराया है। वैसे 1989 से लेकर वर्तमान तक भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में दमोह सीट बनी हुई है। यहां विजयश्री का वरण करने वालों के नामों पर नजर डालें तो 1962 में कांग्रेस की सहोद्रा बाई,1967 में कांग्रेस के एमजेबी पटैल,1971 में कांग्रेस की टिकिट पर पूर्व राष्ट्रपति के पुत्र वाराह गिरी शंकर गिरी,1977 में भारतीय लोकदल से नरेन्द्र सिंह यादवेन्द्र सिंह,1980 में कांग्रेस के प्रभुनारायण टण्डन,1984 में डालचंद्र जैन,1989 में भारतीय जनता पार्टी के लोकेन्द्र सिंह,1991 में भारतीय जनता पार्टी से डा.रामकृष्ण कुसमरिया,1996 में भारतीय जनता पार्टी से डा.रामकृष्ण कुसमरिया,1998 में भारतीय जनता पार्टी से डा.रामकृष्ण कुसमरिया,1999 में भारतीय जनता पार्टी से डा.रामकृष्ण कुसमरिया,2004 में भारतीय जनता पार्टी के चन्द्रभान सिंह लोधी,2009 में भारतीय जनता पार्टी शिवराज सिंह लोधी ने जीत प्राप्त की थी।
कहां कितने मतदान केन्द्र-

डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव
डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव

प्राप्त जानकारी के अनुसार दमोह लोकसभा क्रमांक 07 के विधानसभा क्र.38 देवरी में -222, क्रमांक 39 रहली में -248,क्रमांक 42 बण्डा में 245,क्रमांक 53 मलहरा में 231,क्रमंाक 54 पथरिया में 253,क्रमांक 55 में 255,क्रमांक 56 जबेरा में 255 एवं क्रमांक 57 में 251 मतदान केन्द्र बतलाये जाते हैं । देखा जाये तो सम्पूर्ण लोकसभा में 1960 मतदान केन्द्रो पर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले हैं।

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