घटघट के वासी कान्हा का जन्मोत्सव–जन्माष्टमी

सच्चाई तो यही है कि जब जब इस धरा पर राक्षसों के जुल्म और अत्याचार चरम सीमा तक बढ़ जाते हैं और तब सत्य पर असत्य, विनम्रता पर अहंकार,नैतिकता पर अनैतिकता, सहिष्णुता पर असहिष्णुता, न्याय पर अन्याय और धर्म पर अधर्म हावी हो जाता है, तब जगत के पालनहार भगवान विष्णु सत्य और धर्म की पुन: स्थापना करने हेतु पृथ्वी पर अवतरित होते हैं |इसी कड़ी में भारत की पावन भूमी पर स्वयं भगवान विष्णु अपनी सोलह कलाओं के साथ आठवें अवतार के रूप में भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में क्रष्ण के रूप में अवतरित हुए थे | भगवान कृष्ण ने मानवमात्र को अपने कर्मों को निष्काम भाव से करने की प्ररेणा दी, उल्लेखनीय है गोवर्धन गिरधारी के सम्पूर्ण जीवन काल में कर्म की ही प्रधानता रही थी ।

अपने सगे मामा कंस का वध कर कृष्ण ने यह संदेश दिया है कि मानव जीवन में जीवन के अन्दर रिस्तों से बड़ा कर्तव्य होता है।कर्तव्य परायणता की यही शिक्षा श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की रणभूमि में गीता के माध्यम से अर्जुन को दी थी, जो युद्ध भूमी में अपने स्वजनोंकी सम्भावित म्रत्यु के भय से आहत होकर अपने क्षत्रिय धर्म एवं कर्तव्य से मुहँ मोड़ कर युद्ध नहीं करना चाह रहें थे।

वे भगवान श्रीकृष्ण ही थे, जिन्होंने अर्जुन को श्रीमदभगवदगीता के माध्यम से कायरता से वीरता, विषाद से प्रसाद की ओर जाने का दिव्य संदेश दिया था। जब-जब धरती पर राक्षसों के जुल्म और अत्याचार बढ जाते हैं, जब जब सत्य पर असत्य, विनम्रता पर अहंकार,नैतिकता पर अराजकता , न्याय पर अन्याय हावी हो जाने से समाज में धर्म पर अधर्म हावी हो जाता है, तब-तब जगत के पालनहार भगवान विष्णु सत्य और धर्म की पुन: स्थापना करने हेतु अवतार धारण कर पृथ्वीपर आते हैं। इसी कड़ी में भारत की पावन भूमी पर स्वयं भगवान विष्णु अपनी सोलह कलाओं के साथ आठवें अवतार के रूप में भाद्रपदमास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में क्रष्ण के रूप में अवतरित हुए थे | जन्माष्टमी पर्व कृष्ण की उपासना का पर्व है। भगवाकृष्ण ने मानव मात्र को निष्काम भाव से कर्म करने की प्ररेणा दी उनके सम्पूर्ण जीवन काल में कर्म की ही प्रधानता रही थी । अपने सगे मामा कंस का वध कर कृष्ण ने यह संदेश दिया है कि मानव जीवन में पारिवारिक रिस्ते नाते से बड़ा कर्तव्य होता है। भगवान क्रष्ण ने हमेशा कर्तव्य परायणता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी थी कर्तव्य परायणता की यही शिक्षा श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की रणभूमि में गीता के माध्यम से अर्जुन को दी थी, जो युद्ध भूमी में अपने स्वजनों की सम्भावित म्रत्यु के भय से आहत और दुखी होकर अपने क्षत्रिय धर्म एवं कर्तव्य से मुहँ मोड़ कर युद्ध नहीं करना चाह रहें थे। भगवान श्रीकृष्ण ही वे व्यक्ति थे, जिन्होंने अर्जुन को श्रीमदभगवदगीता के माध्यम से कायरता से वीरता, विषाद से प्रसाद की ओर जाने का दिव्य संदेश दिया था। सर्वाधिक विषेले कालिया नाग के फन पर नृत्य करने वाले भी क्रष्ण ही थे | युवराज दुर्योधन के राजसी भोजन को त्याग कर महात्मा विदुर जी के यहाँ रुखी साग रोटी खाने वाले भी क्रष्ण ही थे | देवराज इंद्र का दर्भ-अहंकार नष्ट करने हेतु सम्पूर्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी अगुंली पर उठाने वाले गिरिधारी भी क्रष्ण ही थे। महाभारत युद्ध के दोरान उचित समय आने पर भीम से दुर्योधन की जंघा पर प्रहार करवाने वाले भी क्रष्ण ही थे | शिशुपाल की 100 गलतियों को माफ़ करने के बाद उसकी 101वी गलती पर सुदर्शन चक्र से वध करने वाले भी श्री क्रष्ण ही थे | महाभारत युद्ध में अर्जुन के सारथी बनकर पाण्डवों को विजय दिलवाने वाले भी भगवान क्रष्ण ही थे। सच्चे मित्र धर्मको निभाने वाले एवं ग़रीब सुदामा के पोटली में से कच्चे चावलों को खाकर उसके बदले सुदामा को राज्य एवं सोभाग्य देने वाले भी कान्हा ही थे।

डा. जे.के.गर्ग
जन्माष्टमी का यह पावन पर्व देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है जहाँ मथुरा, वृदांवन और यूपी एवं अन्य प्रान्तों कृष्ण-लीलाएं और रास-लीलाएं आयोजित की जाती हैं, वहीं महाराष्ट्र में माखन चोर कन्हैया की माखन की मटकीयां फोडी जाती है | भगवान क्रष्ण का सम्पूर्ण बचपन अनगिनत लीलाओं से भरा हुआ है | इसीलिए इस दिन झांकियों के जरिये भक्तजन उनके बाल जीवन को प्रदर्शित करने झाकियों का आनन्द लेते हैं | जन्‍माष्‍टमी के अवसर पर पुरूष व औरतें उपवास अर्चना- प्रार्थना करते हैं | मन्दिरों व घरों को सुन्‍दर ढंग से सजाया जाता है और विभिन्न मनमोहक झाकियां बनाई जाती हैं | जगह-जगह रासलीलायें होती है | मन्दिर घरों में विशेष पूजा-अर्चना- प्रार्थना एवम् धार्मिक आयोजन कियेजाते हैं | रात्रि 12 बजे मन्दिरों में अभिषेक होने पर पंचामृत ग्रहण कर लोग अपना व्रत खोलते हैं।

प्रस्तुतिकरण—-डा.जे. के.गर्ग

error: Content is protected !!