21वीं शदी के तीसरे दशक को सुखमय और खुशहाल बनाने के आसान मूल मन्त्र Part 5.

dr. j k garg
16. चिंतित नहीं रहें, और ना ही चिंता करें क्योंकिं “चिन्ता चिता से भी बुरी होती है,चिन्ता आपके जीवन के हर क्षण को दुखमय बना देगी, और सफलता के सारे दरवाजे भी बंद कर देगी वहीं चिंता आपके व्यकित्त्व को भी हानि पहुचायेगी, आप अपना आत्मविश्वास पूरी तरह से खो देगें, आप बीमारियों को निमन्त्रण देगें और अस्वस्थ रहगें | इसीलिये चिंता करने के बजाय आत्मचिंतन करें |

17. आध्यात्मिक इन्सान बने | निरंतर मेडीटेसन का अभ्यास करें | मूखों से वादविवाद और तर्कवितर्क करने से बचे | अपने आत्मसम्मान से कोई समझोता नहीं करें किन्तु आत्मअभिमानी भी नहीं बनें |

18. स्वाभिमान के साथ जीये| अपने निकटम परिचीतों एवं स्वजनों की भावनाओं,आवश्यकताओं का ध्यान रक्खें,उनकी अनदेखी नहीं करें |

19.डर के साये में नहीं जीये, डर आदमी की प्रगति और उन्नति में सबसे बड़ी बाधा है |

20.शक और शंका करने की आदत को छोड़े, क्योंकि हकीम लुकमान के पास भी शक की कोई दवा नहीं है

डा. जे. के. गर्ग

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