अपनी बात को द्दढता और मुखरता पूर्वक व्यक्त्त करने हेतु प्रशिक्षण प्राप्त करें
जब आप अपनी क्षमता से अधिक प्रयास करने के बावजूद अपनी मनमर्जी के परिणाम नहीं प्राप्त कर पाते हैं तब आप क्रोधित भी हो जाते हैं , आप इस स्तिथी को तो नहीं बदल सकते हैं किन्तु अपने नजरिये को बदल कर यह निष्कर्ष तो निकाल ही सकते हैं कि प्रयास करना तो आपके हाथ में है किन्तु परिणाम पर आपका नियन्त्रण नहीं है, इस सोच से घटित घटना एवं अप्रत्याक्षित परिणाम आपको विचिलीत नहीं करेगें और आप क्रोधित भी नहीं होगें | आपकी आक्रामकता की प्रव्रत्ति आपके क्रोध को ज्यादा पनपाती है इसलिये यह जरूरी है कि क्रोधी स्वभाव वाले लोगों को आक्रामक होने के बजाय अपनी बात को द्दढता पूर्वक प्रस्तुत करने की कला सीखनी होगी |
क्रोध पर नियन्त्रण करने के अन्य आसान एवं उपयोगी तरीके
ईगो (स्वअंहकार) को अपनी जिन्दगी से दूर रक्खें और ईगो को करे बाय-बाय |
अपनी गलतीयों के लिये खेद प्रकट करें, माफी मागें, भूल जायें और माफ़ करने (Forgive and Forget ) की निति अपनायें |
डा. जे. के. गर्ग
सन्दर्भ हिन्दी नेस्ट.कॉम,मेरी डायरी के पन्ने, विभिन्न संतों एवं महापुरूषों के प्रव्रचन आदि
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