महान सामाजिक सुधारक परम पूज्य नानक देवजी पार्ट 5

j k garg
नानक देवजी ने 25 सितंबर, 1539 को अपना शरीर त्याग दिया था | मृत्यु से पहले उन्होंने अपने शिष्य भाई लहना को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया जो बाद में गुरु अंगद देव के नाम से जाने गये | नानक देव जी ने कहा “ मोन धारण करके नाम जपो, क्योंकि इसी से मानसिक आध्यात्मिक शक्ति मिलती है और आत्मिक तेज बढ़ता है | इन्सान को ईमानदारी और मेहनत करनी होगी क्योंकि इससे मिली आमदनी ही सही है | जो मिले उसे साझा करों नानक जी इसी सीख के मुताबिक सिख हमेशा अपनी आमदनी का दसवां हिस्सा दान करते हैं |
गुरु नानक अपने जीवन के अंतिम चरण में करतारपुर में बस गए | 9 नवम्बर 2019 को करतारपुर कॉरिडोर का शुभारंभ किया गया था उस समय 500 से अधिक श्रद्धालुओं ने नानक शिब के गुरुद्वारे में अपना माथा टेका | करतारपुर कोरिडोर के बन जाने से भारत पाकिस्तान के रिश्ते मधुर होने की उम्मीद जगी थी | गुरु नानक जयंती पूरे देश में कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है | गुरु नानक देव की बतायी गई शिक्षाएं और बाते हम सभी का सदेव मार्गदर्शन करती है और भविष्य में भी मानव मात्र का मार्गदर्शन करती रहेगी | उनकी जयंती पर उनके श्री चरणों हम सभी का कोटि कोटि नमन |

डा. जे. के. गर्ग

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