dr. j k gargआजाद हिन्द फौज के प्रणेता क्रांतिकारी जन नायक सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को कटक के निवासी जानकीनाथ बोस प्रभावती के यहाँ हुआ था | सुभाष 14 लड़के लड़कियों में से नौवीं संतान थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कटक में रेवेनशा कॉलेजिएट स्कूल में हुई | उन्होंने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से 1919 में बीए की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की थी इस परीक्षा में उन्हें यूनिवर्सिटी में उन्हें दूसरा स्थान मिला था |1920 की आईसीएस परीक्षा में उन्होंने चौथे स्थान मिला| सुभाष का मन अंग्रेजों के अधीन काम करने का नहीं था इसलिए उन्होंने ICS से एक साल के भीतर 22 अप्रैल 1921 को त्यागपत्र दे दिया क्योंकि उनके दिल अंग्रेजों की गुलामी और भारत माता का आजाद करने का जुनून था | गुरुदेव रवीन्द्रनाथ की सलाह के अनुसार भारत वापस आने पर वे सर्वप्रथम बंबई गये और गांधीजी से मिले। वहाँ 20 जुलाई 1921 को गांधी जी और सुभाष के बीच पहली मुलाकात हुई। बहुत जल्द ही सुभाष देश के एक महत्वपूर्ण युवा नेता बन गये। नेहरूजी के साथ सुभाष ने कांग्रेस के अंतर्गत युवाओं की इण्डिपेंडेंस लीग शुरू की। 1928 में जब साइमन कमीशन भारत आया तब कांग्रेस ने उसे काले झंडे दिखाये। कोलकाता में सुभाष ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया। साइमन कमीशन को जवाब देने के लिये कांग्रेस ने भारत का भावी संविधान बनाने का काम आठ सदस्यीय आयोग को सौंपा। मोतीलाल नेहेरू इस आयोग के अध्यक्ष बनाये गये सुभाष बाबू को इस आयोग का सदस्य बनाया गया| 1930 में जब कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में लाहौर में हुआ तब इस अधिवेशन के अन्दर तय किया गया कि भारत में 26 जनवरी का दिन स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जायेगा।