ब्राजिल के विश्व प्रसिद्ध कार्निवाल सी डीडवाना की होली

नागौर जिले के डीडवाना कस्बे की अनूठी होली आगामी 27 मार्च को दोपहर बारह बजे से शाम साढे छह बजे तक मनाई जाएगी। आइये जाने यहां होली कैसे मनाई जाती है:-

didwana holi 1didwana holi 2didwana holi 3didwana holi 4यू तो भारत भर में होली का त्योंहार अलग अलग तरह से मनाया जाता है जिसमें बरसाना व बृज की होली पूरे भारत में प्रसिद्ध है। लेकिन दूर दराज के कईं इलाके हैं जिनमें होली कई तरिको से मनाई जाती है जैसे घूमर, लठमार व डोल्ची होली प्रसिद्ध है लेकिन डीडवाना में जिस तरह से होली मनाई जाती है वह भारतभर में नहीं मनाई जाती जिसकी तुलना कई बार ब्राजिल के विश्व प्रसिद्ध कार्निवाल से भी की जाती है। लेकिन क्योकिं इसमें भारतीय संस्कृति का सम्मान रखा जाता है इसलिए यहां इसमें ब्राजिल की जरह फूहड़ता ना होकर भारतीय संस्कृति की झलक मिलती है।
जहां एक ओर पूरे भारत भर में धुलंडी के दिन हर खासो आम होली के हुड़दंग में मस्त रहता है तथा रंगों से पूरा माहोल सराबोर रहता है वहीं डीडवाना में माली समाज के लोग लगे रहते हैं एक खास प्रकार के आयोजन में । माली समाज के 12 बासों के लोग अलग अलग तरह के स्वांग बनाकर मैदासर बास पंहुचते हैं वहां से सभी टोलियां एक साथ निकलती है पूरे नगर की परिक्रमा के लिए जिसे गैर कहा जाता है और बाजार से जब यह जुलूसनुमा गैर निकलती है तो हर समुदाय के लोग पलक फावड़े बिछाकर इसका स्वागत करते हैं इसमें कुल 12 बासों की गैरें होती है जिनमें हजारों की संख्या में बच्चे बुढ़े जवान अलग अलग स्वांग बनाकर निकलते हैं। माली समाज में यह अनूठी परम्परा सैंकड़ों सालों से चली आ रही है। नगर परिक्रमा के पश्चात अन्तिम पड़ाव आडका बास में होता है जहां श्रेष्ठ तीन टोलियों को प्रशासन व पालिका द्वारा पुरस्कृत किया जाता है। सालों से चली आ रही इस परम्परा को अगर सरकार सही तरिके से प्रोत्साहित करे तो सायद माली समाज की यह गैर पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन सकती है जरूरत इस बात की है कि इस अनूठी परम्परा को बनाऐ रखने के लिए सरकार प्रोत्साहित करे व इसमें होने में होने वाले भारी भरकम खर्च सरकारी मद से मिले।

हनु तंवर निशब्द
हनु तंवर निशब्द

-हनु तंवर निशब्द

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