जायरीनों को मिलेगी 24 घण्टे दूध की सुविधा

sarasअजमेर, 04 अप्रेल। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स 2016 के दौरान जायरीनों को अजमेर डेयरी का सरस दूध एवं दुग्ध उत्पाद 24 घण्टे उपलब्ध रहेंगे।
यह जानकारी अजमेर डेयरी के अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चैधरी ने देते हुए बताया कि अजमेर डेयरी द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी जायरीनों के लिए दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद 24 घण्टे उपलब्ध कराने के लिए कायड़ स्थित मेला क्षेत्रा में तीन सरस बूथ विश्राम स्थली के भीतर स्थापित किये जाएंगे एवं दो सरस बूथ बाहरी क्षेत्रा में रहेंगे। जिससे जायरीनों को उच्च गुणवत्ता का सरस दुग्ध हर समय निर्धारित मूल्य पर मिलता रहे। इसी प्रकार दरगाह क्षेत्रा के पैराफेरी में जो डेयरी बूथ कार्यरत है, उन्हें भी निर्देश दिए गए है कि मेले के दौरान अधिक से अधिक समय तक निर्धारित दर पर दुग्ध एवं दुग्ध के उत्पाद उपलब्ध करवाएं। यदि इस दौरान कही पर भी नियमों की अवहेलना पाई गई तो उनके विरूद्ध ठोस कार्यवाही की जाएगी। अजमेर डेयरी द्वारा 50 बूथों पर दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादकों की मूल्य सूची लगवाई जाएगी। जिससे कि जायरीनों को बूथ संचालक भ्रमित नहीं कर सकें।
उन्होंने बताया कि जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ द्वारा अपने दुग्ध उत्पादकों के खरीद मूल्य में एक अप्रेल से ही 2 रूपए प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की है। वर्तमान में अजमेर दुग्ध संघ में 3.70 लाख लीटर दुग्ध प्रतिदिन संकलित किया जा रहा है। इससे संघ द्वारा प्रतिदिन 7.40 लाख रूपए का अतिरिक्त भुगतान पशुपालकों को किया जाएगा एवं मार्च माह की तुलना में अप्रेल माह में दुग्ध उत्पादकों को 2.25 करोड़ रूपए का अधिक भुगतान मिलेगा।
डेयरी अध्यक्ष ने बताया कि भारत सरकार के माध्यम से अजमेर जिला संघ को दुग्ध के पाउडर का वर्ष 2015-16 में री -प्रोसेसिंग करने के मद में लगभग 4 करोड़ रूपए राशि अनुदान के रूप में आवंटित किए है। इसमें आधी राशि 1.93 करोड़ रूपए 31 मार्च, 2016 को प्राप्त हो चुकी है, शेष राशि इसी माह मिलने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि प्रबंधक संचालक आरसीडीएफ, जयपुर ने जिला दुग्ध संघों एवं आरसीडीएफ में 1985 के बाद में सीधी भर्ती नहीं होने के कारण एवं लगभग 60 प्रतिशत पद रिक्त होने से कार्य में आ रही बाधाओं को मध्यनजर रखते हुए अधिकारियों/टेक्नीशियन के पदों पर 62 वर्ष पश्चात भी एक-एक वर्ष करके तीन बार यानि अधिकतम 65 वर्ष तक संविदा पर पुनः रखने की शिथिलता प्रदान कर दी है। इसके लिए संबंधित जिला संघों के संचालक मण्डल को अपनी आवश्यकतानुसार योग्य प्रबंधन/टेक्नीशयन अधिकारियों की संविदा अवधि बढ़ाने हेतु अधिकृत किया गया है।
डेयरी अध्यक्ष ने बताया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास योजना के प्रथम चरण में माह मार्च 2016 में 102 दुग्ध समितियों पर बीएमसी एवं एएमसीयू सहित जिनकी प्रत्येक की लागत 8.17 लाख रूपए है, संबंधित दुग्ध समितियों पर पहुंचा दी गई है। इस हेतु आईडीएमसी कम्पनी को सप्लाई पेेटे 6 करोड़ रूपए का भुगतान कर दिया गया है। इनमें से लगभग 11 दुग्ध समितियों पर बीएमसी प्रारम्भ हो चुकी है एवं 41 दुग्ध समितियों पर फिटिंग की जा चुकी है, जो कि 11 अप्रेल तक प्रारम्भ हो जाएगी तथा शेष बीएमसी माह अप्रेल 2016 के अंत तक प्रारम्भ हो जाएगी। इनके लगने से अजमेर डेयरी के दुग्ध की गुणवत्ता देश में उच्च स्तर की होगी।

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