जमकर भाजपा ने कराए अवैध निर्माण-अरूण पाराशर का आरोप
पुष्कर। नगर पालिका की मौजूदा भाजपा समर्थित शासन ने तीर्थगुरू के स्वरूप को गर्त में उतार दिया है। अवैध निर्माण एवं करोडांे के विकास के नाम पर भाजपा ने कमीशनखोरी और बंदरबंाट का जो अंधाराज पिछले पांच सालों में चलाया है वह विकास के नाम पर बाबाजी का ठल्लू जैसा ही है। भाजपा के विधायक सुरेश रावत 26 सौ करोड रूपए के विकास कार्यो का दावा करते है जबकि वे पवित्र पुष्कर सरोवर में गंदा पानी जाने से नहीं रोक पाए और सीवरेज योजना के नाम पर बरसात के दिनों में बाढ के हालात पैदा कर दिए।
कहां गए 35 करोड रूपए
पाराशर का कहना है कि भाजपा बोर्ड और विधायक कहते हैं कि पवित्र पुष्कर सरोवर के घाटों के विकास पर 35 करोड रूपए खर्च किए गए। यह राशि कहां खर्च की गयी दिखायी नहीं दे रही है। घाटों में गंदगी व अतिक्रमण का हाल बुरा है। कंुडों की सीढियों पर फिसलन जमा है जिससे यात्रियों के डूबने की आशंका बनी रहती है। घाटों पर पर्याप्त लाइटिंग नहीं है। कई घाटों की सीढियां टूटी हुई है जिसकी मरम्मत कब होगी पता नहीं है भाजपा बोर्ड को। सरोवर का भराव 33 फुट तक है तो 11 फुट पर बिजली के पोल घाटो पर क्यों लगाए गए। बरसात में पानी आने के कारण घाट अंधकार में डूबे है और पानी मंे करंट की आशंका पैदा हो गयी है। क्या विधायकजी या पालिका अध्यक्ष ने इस तरफ ध्यान देने की जरूतर समझी। वे तो सिर्फ अपने आदमियों को ओब्लाइज करने में लगे हैं। यदि 25 करोड भी ईमानदारी से खर्च होते तो काया पलट हो जाती घाटों की।
सीवरेज का पानी सरोवर में
पवित्र पुष्कर सरोवर की मर्यादा व आस्था भाजपा शासन में तार तार हो चुकी है। क्योंकि सीवरेज का गंदा पानी सरोवर के घाटों से सरोवर के जल की पवित्रता को नष्ट कर रहा है। नगरपालिका की भाजपा बोर्ड ने पांच सालों के दौरान इस आस्था को क्यों नही बनाए रखा कि गंदा पानी सरोवर में नहीं जाए। पाराशर का आरोप है कि सीवरेज के नाम पर आयी 16 करोड की राशि कहां खर्च हो गयी। नरसिंहघाट, कुर्माचंलघाट, वराहघाट, जयपुर घाट, सहित अन्य घाटांे से सीवरेज का गंदा पानी पिछले पांच सालों से सरोवर में मिल रहा है। क्या विधायक सुरेशरावत व पालिका अध्यक्ष कमल पाठक को होश नहीं है। घाटों के किनारे बनी अंग्रेजों की होटलों के सेफ्टी टैंक का पानी पुष्कर सरोवर में मिल रहा है क्या किया हिन्दूओं की पार्टी ने, संघ की शाखा चलाने वालों ने, भगवा और ओम का झंडा लेकर रैली निकालने वालों ने। क्या यह हिन्दूओं कीं धार्मिक भावना के साथ विश्वासघात नहीं है रावत साहब। 52 घाटों के सभ्नी रास्ते बंद हो गए
-राजेन्द्र याज्ञिक
अजमेर की मशाल से साभार