‘हर धड़कन पर तेरा ही नाम लिखा है
कहा खो गयी हूँ मैं जानती नही लापता हो गयी हूँ मिलने के बाद तुमसे होश ही कहा है अब मुझे इक तेरी मश्रुफियत और उस पर ये तन्हाई न कोई उमंग है बची खुद से बेज़ार हो गई हूँ भीड़ में भी खुद को तन्हा देखती हूँ अनजानों में खुद को ढूंढती हूँ ये … Read more