भाईसाहब, माचिस है क्या?

(नहीं…………………..) कई बार हमने यह वाक्य सुना है कि-भाईसाहब माचिस है क्या? इस वाक्य ने मुझे कुछ लिखने को प्रेरित किया है। धुम्रपान के खिलाफ हम सब को आवाज उठानी चाहिये। आपके परिवार या मित्रों में भी कोई भी धुम्रपान करता हो तो यह लेख आपके लिऐ उपयोगी है। सामान्यतः एक धुम्रपान करने वाला व्यक्ति … Read more

कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली

यूं तो हमारे हरदिल अजीज यानिकि लोकप्रिय प्रधान मंत्री जो कुछ भी बोलते है वह वही सबकुछ होता है जो आमतौर पर कोई भी नेता बोलता है। अब चूँकि वह स्टेट लेवल से ऊपर वर्ल्ड नेता के रूप में उभर रहे है (यह उनकी पार्टी का कथन है ) और वह ऐसा मान भी चुके … Read more

संघर्ष की शक्ल….!!

-तारकेश कुमार ओझा- मैं जीवन में एक बार फिर अपमानित हुआ था। मुझे उसे फाइव स्टार होटल नुमा भवन से धक्के मार कर बाहर निकाल दिया गया था, जहां तथाकथित संघर्षशीलों पर धारावहिक तैयार किए जाने की घोषणा की गई थी। इसे किसी चैनल पर भी दिखाया जाना था। पहली बार सुन कर मुझे लगा … Read more

युवा कवयित्री भारती चंदवानी की ताजा रचना

समय एक नहीं रहता कभी, समय भूत है, समय भविष्य है और समय वर्तमान भी है। समय रुकता नहीं है कभी, समय एक अविरल नदी भी है। पीछे छोड़ जाती तमाम अवशेष,और इन अवशेषों में कैद गहरी स्मृतियाँ… जो खुलती ही जाती है, जैसे समय खोलता है नन्हे शिशु की बंद मुठ्ठियाँ… स्मृतियाँ भटकती है … Read more

महान है ‘शब्द’…..

जीवन मे शब्द/प्राण हैं । > शब्द आन हैं, > शब्द की बात निराली है- > गर लग जाएँ तो बाण हैं । > कहीं घाव भी हैं- > तो शब्द ही मरहम भी। > कहीं जहर हैं शब्द – > तो कहीं अमृत भी । > यदि शब्द को पकड़ पाएं, > आप, तो … Read more

मुस्कान

(एक प्रयास किसी के चहरे पर मुस्कान लाने का) मुस्कान ही जीवन है। क्या वजह है कि हमारे चेहरे से सच्ची मुस्कान गायब है? हमें वह हर प्रयास करना चाहिए जिससे हम हमारे व किसी दूसरे के चेहरे पर मुस्कान ला सकें। हर समस्या का एक हल है – शर्त सिर्फ एक है कि हमें … Read more

सामाजिक बदलाव की ओर बढ़ते कदम

-कल्पना गुप्ता- मात्र दो साल पुराने, झालावाड़ जिले के बडबड गांव का जय मां वैष्णो देवी स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ऐसे सदस्यों का एक मिलाजुला समूह है जो स्वयं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ साथ अन्य मुद्दों पर भी कार्य कर रहा है। समूह के द्वारा 20 पए साप्ताहिक बचत जमा की … Read more

बस, अब बहुत हुआ………

(आईये हम सब अपनी आवाज को बुलंद करें) आप कब तक ऐसे ही घुटन महसुस करते रहेगें। आपके साथ हो रहे हर उस गलत काम के लिऐ जिसके लिए आपको कहना है – बस अब बहुत हुआ। घरेलू हिंसा, अत्याचार, भ्रष्टाचार या छोटी सी छोटी बात जो आप को परेशान करती हो उसे आज से, … Read more

माताजी तांगा आ गया…..

(नियम पक्के हैं हमारे) क्या सिर्फ कुछ पांरम्परिक पैमाने तय करेगें भाग्यशाली होने का। समाज आज भी अपनी संकुचित सोच से बाहर आने को तैयार ही नहीं है। यह कहानी शायद आपकी सोच बदल दे। हंसती खिल्खीलाती मां, मौहले में कुछ इतराती हुई सी, और हो भी क्यों ना उसके घर दूसरा बेटा जो हुआ … Read more

COME OCTOBER COME FESTIVITIES

The month of October in India is full of festivals due to which market sentiments ride high. This push in these sentiments of the people is largely due to the industries and sectors offering varied lucrative deals and at the same time, this season is considered an extremely auspicious time for big purchases such as … Read more

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