बजट आने वाला है

भाई जी इन दिनों बड़े आशावादी है, मतलब कि उम्मीद से है कि बजट आने वाला है. … उनकी यह उम्मीद हर वर्ष ठीक उसी तरह होती है जैसे जब उनकी पत्नी उम्मीद से होती थी कि बेटा आनेवाला है और बेटा आने के बाद उम्मीद यकीन में बदल जाती थी कि बेटा नही बाप … Read more

ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने माफ़ी क्यों नहीं मांगी

-ऐतेजाद अहमद खान- 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के घाव अब भी नहीं भरे हैं. ब्रिटिश प्रधानमंत्री कैमरन ने अमृतसर पहुंचकर ब्रिटिश शासन की इस क्रूरता को शर्मनाक तो बताया, लेकिन साफ माफी मांगने से वह परहेज कर गए. हम भारतीय इसी में खुश है की ब्रिटिश प्रधानमंत्री या कोई और ब्रिटिश राजघराने का हमसे माफ़ी … Read more

वसुंधरा का रुतबा पहले जैसा नहीं

भाजपा की प्रदेश में कद्दावर नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भले ही प्रदेशाध्यक्ष पद पर काबिज हो गई हों,लेकिन पार्टी के संगठनात्मक ढांचे पर उनका पहले जैसा रूतबा नजर आने की संभावना कम ही नजर आ रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ उनकी पटरी बैठ पाएगी या नहीं यह तो वक्त ही … Read more

याद तू और ज्यादा आता है

        धुन मिलन की छेडती हूं। गीत विरह के बन जाते हैं।। सोचती हूं साथ बिताए वे सुनहरे पल। और दर्द उभर कर आता है।। होठों पर हंसी को संजोती हूं। और आंखों का दर्द छलक जाता है।। लाख कोषिष करती हूं तुझे भूल जाउं। पर याद तू और ज्यादा आता है।। … Read more

An Open Letter to the Finance Minister

Dear Finance Minister, Greetings! We are eagerly awaiting your finance budget for the FY 2013-14. Please take some concrete steps. GDP growth rate had remained mostly in excess of 8 per cent per year during the first decade of this century that has been crashed in recent years. Latest estimates indicate to remain GDP around … Read more

क्यों भूल रहे हैं हम अपनी संस्कृति को ?

आज 14 फरवरी है यानी वेलेंटाइन डे और कल वसंत पंचमी | अगर सही मायने में देखा जाये तो वेलेंटाइन डे अंग्रेजों की दें है और हम भारतीय उसे ख़ासकर हमारे युवा इस दिन को प्रेम के त्यौहार के दिन के हिसाब से मनानते है किन्तु वे लोग यह भूल जाते हैं की हमारी संस्कृति … Read more

दीवारें मत बनो बाबा !

राजस्थान सिंधी अकादमी जयपुर के सहयोग से मोहन थानवी का आठ वर्ष पूर्व प्रकाशित उपन्यास करतार सिंह का हिंदी में अनूदित अंतिम भाग प्रस्तुत है। दीवारों को भी पता है। वे कहना चाहती हैं। देश के बंटवारे के बाद उत्पन्न हुई पीड़ाएं बदन (सदन) को कमजोर कर रही हैं। बंटवारे के बाद तितर बितर हुए … Read more

काव्य राग

        1.गढ़ों में गुमटियां ज्यों प्रहरियों की यारों जलसों में दलबंदी त्यों रहबरों की यारों जख्मे जिगर कह रहे थे शहर पनाह पे चिल्ला के नजराना शय ही ऐसी है सनद रहे यारों 2. तारीख भी क्या कमाल करती है चेहरे पे चेहरे लगा औरों को मोहरा बनाने वालों को स्याह कोठरी … Read more

शिक्षा के बिना महिला सशक्तिकरण एवं राष्ट्र का विकास असंभव

-अशोक कुमार लोढ़ा, नसीराबाद- महिलाओ के जीवन की सभी समस्याओं की जड़ अशिक्षा है, इस सत्य से परहेज नहीं किया जा सकता है और अब समाज ही नहीं, स्वयं महिलाये भी,यहाँ तक की आठवी कक्षा में पढने वाली बालिका भी इस बात से सहमत है। राहत की बात यह है कि देर से ही सही, पर … Read more

आस्था और श्रद्धा से सरोबार है मालपुरा जैन दादाबाड़ी

-उज्ज्वल जैन- मालपुरा। जैन श्वेताम्बर धर्मानुयायियो के लिए मालपुरा में स्थित श्री जिन कुशल सूरी जी महाराज की प्रत्यक्ष दर्शनस्थली करोडो श्रद्धालुओ की आस्था का केन्द्र है जहाँ प्रतिवर्ष दादा गुरूदेव के दर्शनो की लालसा बरबस ही भक्तो को अपनी ओर आकर्षित करती है। दादाबाडी राजधानी जयपुर से लगभग 100 कि.मी. की दूरी पर बसे … Read more

नेताजी बीमार हैं

नेताजी बीमार हैं, उन्हें क्या बीमारी है, ये किसी को नही  पता है…… बीमार का इलाज अदालत मे हैं या  अस्पताल मे, इस मसले पर दोनों आमने – सामने है | फिलहाल नेताजी  बीमार हैं | उन्हें क्या बीमारी है, ये किसी को नही  पता ये वो ही नेताजी हैं | जिन के पास कभी हर … Read more

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