जैसे वोट पेड़ पर लगते हैं!

प्रधानमंत्रीजी ने कई बार ऐसे जुमले प्रयोग में लिए हैं जो अप्रासंगिक हैं। जैसे उन्होंने कई बार कहा कि ‘‘मेरे पास जादू की कोई छड़ी नहीं है’’ या फिर उनका ताजा बयान कि ‘‘पैसे पेड़ पर नहीं उगते।’’ मुझे इस बात पर त्रेतायुग में रामायण काल का वह प्रसिद्ध दोहा याद आता है जब अपने … Read more

तेरी यादों के शहर मे …

आकर रूक गये है कदम तेरी यादों के शहर मे, बड़े बेबस खड़े है हम तेरी यादों के शहर में . हर सड़क घूम कर तेरी ओर ले आई मुझको शायद रास्ते थे खतम तेरी यादों के शहर में लोग लूट रहे थे बेखौफ़ होकर कारवाँ मेरा, तमाशबीन बने हम तेरी यादों के शहर में … Read more

दरवाज़े की ओट से …

बहुत बार ध्यान से देखा है तुम्हें दरवाज़े  की ओट से … तुम रोती हो ,चुपचाप आँसू बहाती हो बिन किसी शोर के….पर क्यों? क्या दुःख है तुम्हें ? अभिव्यक्ति ,प्रकृति व जीवनक्रम के साथ अंतरद्वंद में डूबी, जिसे तुम बाँट नहीं सकती क्या बात है दिल में तुम्हारे, जिसे तुम ,बतला नहीं सकती सिसकती … Read more

ब्रिटेन और भारत : लोकतन्त्र और गुलामी ?

ब्रिटेन की राजकुमारी केट मिडल्टन के टॉपलेस चित्रों को लेकर भारत के अखबार जिस तरह सनसनीखेज बना कर प्रस्तुत कर रहे हैं, उनके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि राजकुमारी के ये चित्र ब्रिटिश समाचारपत्रों को छापने का प्रस्ताव भी दिया गया था किन्तु किसी भी ब्रिटिश समाचार पत्र ने ये चित्र छापने का … Read more

मुझ पे करना यकीन

मुझ पे करना यकीन, मुझ पे करना यकीन मुझ पे करना यकीन, मुझ पे करना यकीन हो तनहा खड़े,दर्द हद से बड़े, टूटते से लगे जब तुम्हे हौसले ऐसा वक़्त कभी ज़िन्दगी में कही आ जाए तो मुझ पे करना यकीन मुझ पे करना यकीन, मुझ पे करना यकीन मुझ पे करना यकीन ,मुझ पे … Read more

लीजिए पढिये यूआईटी का रोचक किस्सा

आज अखबार में दो तीन घटनाओ के बारे में पड़ा जो में आपसे साँझा (शेयर) करना चाहता हूँ. आज अजमेर के अखबार में समाचार था की किसी न्यायाधीश (महोदय) की दीवार UIT अजमेर ने तोड़ दी UIT भी सरकारी काम पर थी टूट गयी तो टूट गयी. और जैसा की होता है सरकारी कर्मचारिओं ने … Read more

कुछ दूर तुम भी साथ चलो ….

नहीं आसान सफ़र, कुछ दूर तुम भी साथ चलो बड़ा मायूस शहर ,कुछ दूर तुम भी साथ चलो जानता हूँ , नहीं हम साथ उम्र भर के लिए … फिर भी चाहता हूँ मगर ,कुछ दूर तुम भी साथ चलो वो वादियाँ,वो नज़ारे की हम मिले थे जहां भुलाऊ कैसे मैं वो शोख नज़र , … Read more

परी …( ममतामयी माँ )

एक  परी आएगी जो तुझे सुलाएगी लेगी आँचल में वो अपने तुझे पलकों के पालने में          झुलाएगी || झूठ मूठ करना आँखे बंद और करवटे बदलना वो थपकी देगी तुम सोने का नाटक करना जब वो कान्हा करके बुलाए तो .. जा  कर छिप जाना वो घर भर में शोर मचाएगी उसके सामने आते ही तुम … Read more

नवीन सोच के धनी : कु.सी. सुदर्शन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पांचवें सरसंघचालक कु.सी. सुदर्शन मूलतः तमिलनाडु और कर्नाटक की सीमा पर बसे कुप्पहल्ली (मैसूर) ग्राम के निवासी थे। कन्नड़ परम्परा में सबसे पहले गांव, फिर पिता और फिर अपना नाम बोलते हैं। उनके पिता श्री सीतारामैया वन-विभाग की नौकरी के कारण अधिकांश समय मध्यप्रदेश में ही रहे और वहीं रायपुर (वर्तमान … Read more

अपने क्रोध को पालना सीख!

आज प्रधानमंत्री जी को दिल से धन्यवाद करने का मन कर रहा है। अपने ब्रह्मास्त्र से सबको चित्त कर दिया। मैंने पुराने समय में कई राजाओं के किस्से सुने हैं कि कोई राजा कितना दानवीर, प्रजावत्सल होता था और वह दिन प्रतिदिन जनता की भलाई में लगा रहता था कि प्रजा को मौका ही नहीं … Read more

ये संसार है …………..

ये संसार है ……………………. बहुत सारे रंगो और रहस्यो से भरा हुआ बड़ी अस्थिरता और अनिश्चिता से भरा हुआ ………… यहा बहुत कठिन है ये निर्णय लेना की कोन अपना है और कोन नहीं क्योकि हर कोई अपना होने का दावा करता है हर कोई चहरे पर चहरा (mask behind the mask) पहने रहता है … Read more

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