क्या शगुन निर्मित करना कारगर टोटका है?

मेरे एक परिचित जब भी शहर से बाहर जाते हैं अथवा किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए घर से निकलते हैं तो उनकी माता जी घर से बाहर आ कर सिर पर जल से भरा कलश लेकर खड़ी हो जाती हैं। जैसे ही मेरे परिचित अपनी कार स्टार्ट करते हैं तो उनकी माता जी उनके सामने … Read more

कोराना जैसे वायरस से जैविक युद्ध करने का वर्णन मौजूद है पुराणों में

आज जब पूरा विश्व कोराना वायरस की महामारी से त्रस्त है, तो यकायक पूर्व में विद्वानों व वैज्ञानिकों द्वारा अगला विश्व युद्ध जैविक अस्त्रों से होने की भविष्यवाणी का ख्याल आ जाता है। कोरोना के भयंकर प्रकोप के बीच विद्वानों ने तो यह तक खोज निकाला है कि शिव पुराण में कोरोना रक्षा कवचम् का … Read more

सत्यनारायण भगवान की मूल कथा कौन सी है?

हमारे यहां पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा करने का प्रचलन है। किसी शुभारंभ के मौके पर भी यह कथा करवाई जाती है। इस कथा में पांच अध्याय होते हैं, जिनमें यह वर्णन होता है कि अमुक व्यक्ति ने कथा की तो उसे बहुुत फायदा हुआ और अमुक ने भूल से कथा नहीं की … Read more

कोरोना ने ज्योतिष को भी कर दिया ठप?

वैश्विक महामारी कोराना से जहां पूरा जनजीवन ठप सा हो गया है, मंदिरों में भगवान की पूजा तक नहीं रुक गई है, वहीं ज्योतिषीय राशिफल को भी निष्फल कर दिया है। कहते हैं न कि समय बड़ा बलवान है, यह कहावत चरितार्थ होती दिख रही है। उसके आगे ग्रहों-नक्षत्रों का भी जोर नहीं है। आइये … Read more

33 करोड़ न सही, अनगिनत तो जरूर हैं देवी-देवता

आम तौर पर कहा जाता है कि हिंदुओं के 33 करोड़ देवी देवता हैं। यह 33 करोड़ का आंकड़ा वस्तुत: ऋग्वेद से आया है। उसमें 33 कोटि देवता बताए गए हैं। कोटि का एक अर्थ करोड़ है तो दूसरा अर्थ प्रकार होता है। चूंकि आम जन मानस ने पहले वाले अर्थ को आत्मसात कर लिया, … Read more

जिसे दुबारा शादी करनी है, वह पत्नी की अंत्येष्टि में भाग नहीं लेता

आम तौर पर जिस भी युवा व्यक्ति की पत्नी की मृत्यु हो जाती है, तो वह दुबारा शादी करने का विचार रखता है। यदि बच्चे न हों तो करता भी है। यदि उसका विचार न भी हो तो भी रिश्तेदार उस पर दबाव बनाते हैं कि वह दुबारा विवाह कर ले। क्या आपको जानकारी है … Read more

हम क्यों रहना चाहते हैं अमर?

कोई भी मरना नहीं चाहता। हर व्यक्ति अमर रहना चाहता है। और दिलचस्प बात ये है कि हर आदमी ये भी जानता है कि अमर होना संभव नहीं है। जो आया है, उसे जाना ही होगा। मृत्यु अवश्यंभावी है। उसे टाला नहीं जा सकता है। हद से हद जीवन को दीर्घ किया जा सकता है। … Read more

आरंभ से रहा है असत्य का बोलबाला

आज के युग में अमूमन सभी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि आजकल झूठ का बोलबाला है। असत्य का साम्राज्य है। उससे ऐसा प्रतीत होता है कि पुराने जमाने में ऐसा नहीं होता था। हमारे बुजुर्गों और उनके भी बुजुर्गों के काल में लोग सच बोला करते थे। लेकिन ऐसा है नहीं। … Read more

असुरों को वरदान देते ही क्यों हैं त्रिदेव?

पुराणों और रामायण व महाभारत से जुड़ी कथाओं में इस बात का स्पष्ट जिक्र है कि अमुक असुर ने त्रिदेव या किसी देवी-देवता से प्राप्त वरदान का दुरुपयोग करते हुए देवताओं, ऋषि-मुनियों आमजन को बहुत पीडि़त किया। इस पर दुखी हो कर वे त्रिदेव के पास गए और त्राहि माम त्राहि माम कहते हुए उस … Read more

फल की इच्छा के बिना कर्म हो ही कैसे सकता है?

गीता के सूत्र कर्मण्येवाधिकारस्ते, माफलेषु कदाचन पर एक नजर गीता का एक सूत्र है:- कर्मण्येवाधिकारस्ते, माफलेषु कदाचन। इसका तात्पर्य है कि कर्म करो, मगर फल की इच्छा मत करो। अर्थात वह ईश्वर पर छोड़ दो। चूंकि यह सूत्र कर्मयोग के महानतम ग्रंथ गीता का है, इस कारण इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। जरूर … Read more

मैं एक पेंडुलम हूं

भीतर के होश व बाहर की अनिवार्यता के बीच संतुलन बनाना वाकई कठिन है। आत्मा का सत्य तो आत्यंतिक है ही, भौतिक जगत का सत्य भी नकारा नहीं जा सकता, भले ही वह नश्वर है। प्रतिपल भस्म होता है, मगर जब गुजर रहा होता है, तब तो तात्कालिक सत्य होता है। परस्पर सर्वथा विरोधी धु्रवों … Read more

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